(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने नकलची छात्रों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की है। स्नातक स्तर की हाल ही में हुई परीक्षाओं में ऐसे डेढ़ सौ से अधिक छात्र-छात्राओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए है।
इन मामलों में परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करने, अभद्रता किए जाने,अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जाती है। कई छात्रों को जहां संबंतिधत विषय के पेपर को निरस्त कर दिया गया है तो वहीं कई छात्रों के सभी विषयों की परीक्षाओं से वंचित करने की कार्रवाई की गई है।
इस कार्रवाई से छात्रों के बीच हडक़ंप है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 की स्नातक परीक्षाओं के दौरान नकल के मामले विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा केंद्रों से पंजीबद्ध किए थे। परीक्षा कमेटी की अनुशंसा के बाद 145 छात्र-छात्राओं के खिलाफ विवि प्रशासन द्वारा यह कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
फांउडेशन जैसे विषय में भी नकल के मामले
बीए स्नातक समूह में फांउडेशन कोर्स जैसे विषयों में नकल के मामले प्रकाश में आए हैं। इसके अलावा हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी विषय शामिल रहे। विज्ञान समूह में कैमेस्ट्री, फिजिक्स, जूलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी विषयों में भी नकलची पकड़े गए। बीकाम समूह में मैनेजमेंट विषय, इकॉनामिक्स, फांउडेशन कोर्स में नकल करते हुए छात्रों को पकड़ा गया। इसके अलावा प्रोफेशनल कोर्स के विषयों में कुछ छात्रों को पकड़ा गया।
बीएसएसी के छात्र नकल में आगे
जानाकारों के अनुसार बीए की अपेक्षा बीएससी स्नातक सेमेस्टर परीक्षाओं में नकल के सर्वाधिक मामले प्रकाश में आए हैं। बीएससी प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष के अलावा प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय सेमेस्टर एवं चतुर्थ सेमेस्टर को मिलाकर सर्वाधिक 76 नकल प्रकरण कायम किए गए हैं। जबकि बीए प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में नकल के मामले 48 हैं। जबकि बीकाम की स्नातक परीक्षाओं में 26 मामले विश्वविद्यालय प्रशासन ने दर्ज किए हैं।
62 फीसदी छात्रों पर सीधी कार्रवाई
परीक्षा में नकल मामलों में पंजीबद्ध किए गए छात्रों में 62 फीसदी छात्रों पर सीधी कार्रवाई की गई है। इन छात्रों के सभी थ्योरी पेपर निरस्त कर दिए गए हैं। इन छात्रों पर नकल के अलावा परीक्षा हाल में अभद्रता किए जाने, शिक्षकों के साथ दुव्र्यवहार किए जाना भी रहा है। जबकि 45 फीसदी छात्र-छात्राओं के संबंधित विषय के पेपर को निरस्त किया गया है।
दो चिकित्सा छात्रों पर भी गिरी गाज
बताया जाता है एमबीबीएस अंतिम वर्ष पेपर-थर्ड में नकल के मामले प्रकाश में आए। परीक्षा कमेटी द्वारा जांच के दौरान दो चिकित्सकों के खिलाफ भी नकल के मामले दर्ज किए गए हैं। इन दोनों चिकित्सका छात्रों के सर्जरी विषय के विषय के पेपर को निरस्त कर दिया गया है।
परीक्षाओं की पारदर्शिता को लेकर विवि गंभीर: पेंडसे
परीक्षा नियंत्रक प्रो.एनजी पेंडसे कहते हैं कि विवि प्रशासन परीक्षाओं को पूरी तरह पारदर्शी तरीके से कराने पर पहल कर रहा है। सेमेस्टर परीक्षाएं हो या फिर मुख्य परीक्षाएं यदि इसमें नकल होती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी परीक्षा केंद्राध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खुद मॉनीटरिंग करे और विश्वविद्यालय प्रशासन को रिपोर्ट दें।
विवि की सेमेस्टर एवं मुख्य परीक्षाओं के दौरान अनुचित साधनों का उपयोग करने अथवा परीक्षा कार्यों में लगे स्टाफ के साथ अभद्रता किए जाने के मामलों को लेकर यह कार्रवाई की गई है। कमेटी ने कुछ के संबंधित विषय तो कुछ के सभी विषयों के पेपरों को निरस्त कर दिया गया है।
मोनाली सूर्यवंशी,
सहायक कुलसचिव गोपनीय

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