सिंथेटिक दूध का कारोबार करने वालों के खिलाफ लगेगा रासुका

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में सिंथेटिक दूध और इससे बने उत्पादों का कारोबार करने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सोमवार को कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर मिलावटखोरी का यह कारोबार करने वाले लोगों की खिलाफ अब प्रदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सिलावट ने बताया, ‘‘सिंथेटिक दूध और इससे बने दुग्ध उत्पाद आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत घातक हैं। इसका निर्माण और बिक्री करने वालों के खिलाफ अब सरकार सख्त कार्रवाई करने जा रही है। पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर मिलावटखोरी का यह अवैध व्यापार करने वाले लोगों के खिलाफ रासुका के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’

उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में प्रदेश के 51 जिलों में सिंथेटिक दूध, मावा, घी, और पनीर के कुल 255 नमूने लिए गए हैं। इन नमूनों की जांच के बाद इसमें दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी। सिलावट ने इस संबंध में सोमवार को विधानसभा भवन के अपने कक्ष में खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों की बैठक लेकर इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

इस बैठक में खाद्य एवं औषधि प्रशासन नियंत्रक रविन्द्र सिंह, संयुक्त निदेशक डीके नागेन्द्र और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सिलावट ने बताया कि जबलपुर में तीन व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वह मंगलवार 23 जून को भोपाल संभाग और 30 जून को ग्वालियर में ग्वालियर और चंबल संभाग के अधिकारियों की बैठक लेंगे।

उन्होंने कहा कि सभी संभाग के कमिश्नर, जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से यह अवैध कारोबार करने वालों के विरुद्ध रासुका जैसे सख्त कानून के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। सिलावट ने कहा कि इस कारोबार पर नियंत्रण रखने वाले अधिकारियों के विरुद्ध भी मिलावटखोरों पर कार्रवाई में शिथिलता बरतने अथवा जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि मध्य प्रदेश पुलिस की एसटीएफ ने ग्वालियरचंबल संभाग में 20 जुलाई को कुछ कारखानों पर छापे मारकर बड़ी मात्रा में सिंथेटिक दूध और इससे बना मावा, पनीर और अन्य रसायन बरामद किए थे। पुलिस ने इस गिरोह का खुलासा करते हुए मिलावटखोरी का यह अवैध कारोबार करने के आरोप में 62 लोगों को गिरफ्तार किया है।