अतिक्रमण हटाओ अभियान में मनमानी से सरकार नाराज

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। माफिया के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर आम आदमी को अतिक्रमण, भवन अनुज्ञा के उल्लंघन का मामला बनाकर तंग किए जाने की शिकायतों को मुख्यमंत्री कमल नाथ ने गंभीरता से लेते हुई नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने आम नागरिकों नहीं बल्कि माफिया के खिलाफ योजनाबद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने मुख्यमंत्री की नाराजगी से कमिश्नरों को अवगत कराते हुए सख्त हिदायत दी है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि उनके निर्देश संगठित माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए हैं, लेकिन इसकी आड़ में हजारों लोगों को अतिक्रमण और भवन अनुज्ञा के उल्लंघन के नोटिस नगर निगम और राजस्व के अधिकारियों ने थमा दिए। पुलिस प्रशासन भी माफिया के नाम पर आम लोगों की सूची विभिन्न व्हॉटसएप पर प्रसारित कर रहा है, जो सरासर गलत है।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री कमल नाथ कई बार यह साफ कर चुके हैं कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई का मतलब संगठित अपराध से है। यानी चौथ वसूली, ब्लैक मेलिंग, आपराधिक गतिविधि का अंजाम देकर आम आदमी को परेशान करने से है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जानी है, लेकिन यह शिकायतें मिल रही हैं कि अतिक्रमण या अन्य नियमों का उल्लंघन करने वालों को माफिया बताकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

नगर निगम और राजस्व अधिकारियों ने हजारों नोटिस अतिक्रमण और भवन अनुज्ञा की शर्तों के उल्लंघन के जारी किए हैं। इसी तरह पुलिस अधिकारियों ने भी विभिन्न सूचियां माफिया के नाम पर व्हॉट्सएप पर उन लोगों की प्रसारित कर दी हैं, जो आम आदमी हैं।

वीडियो कांफ्रेंस में भी दिए निर्देश : पिछले दिनों मुख्यमंत्री जन अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को उठाते हुए निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री की आपत्ति के बाद मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने सभी कमिश्नरों को पत्र लिखकर कहा है कि वे पुलिस नगर निगम और जिला प्रशासन से जिले वार वास्तविक माफिया की सूची तैयार करवाएं। अपनी देखरेख में कार्य योजना बनाकर कार्रवाई करवाएं। माफिया के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि ग्वालियर से विधायक मुन्ना लाल गोयल ने भी आरोप लगाया था कि माफिया के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर गरीबों के मकान तोड़े जा रहे हैं। कुछ मंत्रिगण कैबिनेट में भी यह मुद्दा उठा चुके हैं।