प्रदेश में लागू होगा स्वास्थ्य का अधिकार कानून!

 

 

 

 

प्रदेश में लागू करने की तैयारी, जानिये क्या होगा फायदा

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। प्रदेश में स्वास्थ्य का अधिकार कानून अगले साल से लागू करने की तैयारी है। इसमें गरीब हो या अमीर सभी परिवारों को साल में डेढ़ से दो लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज देने पर विचार चल रहा है। इसके अलावा बीमारियों को रोकने के लिए मानसिक स्वास्थ्य को भी मजबूत करने पर जोर है।

मानसिक तनाव कम करने के लिए दफ्तरों में दोपहर के भोजन के पहले आधे घंटे तक ध्यान, आध्यात्म या मनोरंजन का सत्र रखने की तैयारी है। स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने के पहले विशेषज्ञों से सुझाव लेने के लिए 1 व 2 नवंबर को यहां मिंटो हॉल में संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।

इसका शुभारंभ शुक्रवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री कमलनाथ व समापन शनिवार को राज्यपाल लालजी टंडन करेंगे। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में दी।

कांग्रेस ने अपने चुनावी वचन-पत्र में स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने की बात कही थी। अब इसे अमली जामा पहनाया जा रहा है। इसे लेकर अभी तक अधिकारियों व विशेषज्ञों के साथ बैठकें व संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। इसमें सभी का जोर सभी के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा देने को लेकर है।

मौजूदा आयुष्मान योजना में 1 करोड़ 42 लाख परिवार कवर हो रहे हैं। प्रति परिवार हर साल 5 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज दिया जा रहा है। करीब 46 लाख परिवार अभी योजना के दायरे में नहीं हैं। इनमें ज्यादातर नौकरी पेशा या फिर व्यवसायी हैं। अब इन्हें भी योजना के दायरे में लाने की तैयारी है। अब इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि कैशलेस बीमा के लिए इनसे कुछ राशि ली जाए या नहीं।

तीन किमी के दायरे में होगा एक अस्पताल : स्वास्थ्य का अधिकार कानून में ऐसा प्रावधान किया जाएगा कि निजी या सरकारी में से एक अस्पताल हर व्यक्ति के तीन किमी की सीमा में होना चाहिए। इसमें उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज तक शामिल हैं। शिशु व मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए प्रसव पूर्व जांचें बढ़ाई जाएंगी। अभी सिर्फ चार जांचें की जा रही हैं। दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर शहरों में संजीवनी क्लीनिक शुरू किए जाएंगे।