ट्रेन में गांजा-अफीम मिला तो आरपीएफ अफसर खुद कर सकेंगे कार्रवाई

 

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। अब रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के अफसर ट्रेन में गांजा-अफीम जैसे मादक पदार्थ मिलने पर सीधे कार्रवाई कर सकेंगे।

पहले ऐसा नहीं होता था। इन मादक पदार्थों के मिलने पर आरपीएफ को कार्रवाई के लिए जीआरपी और एक्साइज विभाग के अफसरों का इंतजार करना पड़ता था। इसका फायदा आरोपित उठाते थे और कई बार भाग निकलते थे। अब आरपीएफ के अफसर ट्रेनों में अवैध रूप से ड्रग्स लाने-ले जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर सकेंगे। रेलवे बोर्ड के आरपीएफ डीआईजी (आरएस) एमएन होडा ने पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर समेत सभी जोन के आईजी को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।

असल में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने नारकोटिक्स ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम (1985 का 61) की धारा 42 की उपधारा (1) और धारा 67 के तहत आरपीएफ को अवैध रूप से ड्रग्स के परिवहन पर कार्रवाई करने के अधिकार दे दिए हैं। यह नोटिफिकेशन 11 अप्रैल को कर दिया था। इसके बाद हाल ही में रेलवे बोर्ड ने आरपीएफ को इसके निर्देश जारी किए हैं।

– ये अधिकार मिले

ड्रग्स मिलने पर उसे जब्त कर सकेंगे। सैंपल ले सकेंगे। परिवहन कर्ता को एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर सकेंगे। ये कार्रवाई आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक व उसके ऊपर स्तर के अधिकारी ही कर सकेंगे।

आरपीएफ अफसरों के लिए कार्रवाई करना चुनौती

एनडीपीएस एक्ट के तहत की जानी वाली कार्रवाई लंबी चलती है। इसलिए इस कार्रवाई को चुनौतीपूर्ण तरीके से करना होता है। इसमें कई स्तर पर अलग-अलग पंचनामा बनते हैं। कई तरह के सबूत जुटाने की चुनौती होती है। इसके लिए अनुभव और प्रशिक्षण की जरूरत होती है, जो कि आरपीएफ के अधिकारियों के पास नहीं है। ऐसे में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई करना आरपीएफ अफसरों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण भरा होगा।

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