. . . शिव ने बना लिया उसे बहन

कॉलेज में शिवराज सिंह ने जिस लड़की को फूल दिया था बाद में उसे बनाया अपनी बहन

(ब्‍यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने निजी जीवन से जुड़ा एक खुलासा किया है। शिवराज सिंह चौहान ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए अपनी पर्सनल जिंदगी से जुड़ी कुछ बातें शेयर की। शिवराज सिंह चौहान ने अपने कॉलेज के दिनों का एक सीक्रेट शेयर किया।

सवाल- शादी से पहले क्या कोई लड़की पसंद आई थी, क्या कोई क्रैश हुआ था?

जवाब- एक बात बहुत स्पष्टता के साथ बताता हूं। मैं मूलत: अध्यात्मिक व्यक्ति रहा हूं और बचपन से ईश्वर में मेरा भरोसा रहा है नर्मदा के किनारे मेरा गांव है साधु संत बड़ी संख्या में आते हैं। मैं व्यक्तिगत जीवन में सुचिता और नैतिकता को बड़ा महत्व देता था और इसलिए मेरी दृष्टि बन गई थी कि मेरी बहने हैं या मेरी माता हैं। बड़ा हुआ तो मेरे मन में बेटी का भाव आया। कॉलेज में एक बार मित्र एक दूसरे को फूल दे रहे थे तो मेरे मन में ख्याल आया। एक फ्रेंड्स को मैंने भी फूल दिया, उसकी एक आंख नहीं थी। उस पर मेरा स्नेह उमड़ा तो मैंने उसे बहन कह कर फूल दिया।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मैं जब विधायक से सांसद बना तो मैंने सबसे पहला निर्णय विवाह करने का लिया। मुझे पता था कि सत्ता के करीब होने के कारण मेरे आस पास कई तरह के लोग आएंगे। इसलिए बेहतर है कि शादी कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश कर लिया जाए। उसके बाद मैं सभी कार्यक्रमों में पत्नी के साथ ही शामिल होता था। इसने मुझे सभी के बीच में एक मजबूत रिश्ता दिया। मुझे बहन और बेटी ही मिली और कोई नहीं।

शिवराज ने कहा- मैंने बचपन से बेटियों के साथ अन्याय होते हुए देखा मेरे घर में देखा। यह बहुत पर्सनल बात है लेकिन मेरी मां भी मेरा ज्यादा ध्यान रखती थी, मेरी बहन का कम ध्यान रखती थी। मेरी दादी भी मुझे ज्यादा लाड़ करती थी और मेरी बहन को उतना लाड़ नहीं करती थी। यह बिल्कुल व्यक्तिगत बात आपको बता रहा हूं दोनों का स्वर्गवास हो गया है इसलिए मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं। समाज की अवधारणा थी कि बेटा जरा ज्यादा इंपोर्टेंट है इसलिए मुझे तब भी पीड़ा होती थी। यह क्यों होता है घर से ही। उसके बाद मैंने गांव में देखा पति का शासन पत्नी पर चलता है अगर पति और पत्नी का झगड़ा हुआ तो डंडा उठाया और पत्नी को मार दिया।

सवाल- आखिरी मूवी कौन सी देखी परिवार के साथ

जवाब- थोड़ा दिमाग पर जोर देना पड़ेगा मूवी मैं देखता हूं इसमें कोई दो मत नहीं लेकिन आखरी कौन सी थी यह जरा मुझे सोचना होगा। जी हां उरी देखी थी, जो सर्जिकल स्ट्राइक पर बनी थी।

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