बंदूक के लाइसेंस के लिए विधायक बनकर टीआई से फोन पर की बात

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)
ग्‍वालियर (साई)। ग्वालियर दक्षिण से विधायक प्रवीण पाठक बनकर महाराजपुरा थाना प्रभारी को फोन लगाकर शस्त्र लाइसेंस की सिफारिश करने वाला पकड़ा गया है।

शातिर दिमाग ने विधायक बनकर कॉल किया फिर बोला अपना ही आदमी है थानेदार साहब, बंदूक का लाइसेंस बनवा दो। थाना प्रभारी ने दो कॉल नजर अंदाज किए, लेकिन जब तीसरी बार कॉल आया तो थाना प्रभारी ने सीधे विधायक को कॉल किया। उन्हाेंने किसी के लिए भी कॉल करने से मना किया। साथ ही शातिर को पकड़ने की बात कही।

घटना सोमवार दोपहर महाराजपुरा थाने की है। फिलहाल पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। महाराजपुरा थाना प्रभारी मिर्जा आसिफ बेग पर 8 जनवरी को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को विधायक प्रवीण पाठक बताते हुए कहा कि सत्यभान सिंह (26) पुत्र रणवीर सिंह निवासी आदित्यपुरम पटेल नगर का बंदूक के लाइसेंस के लिए आपके थाने में आवेदन आया है। उसे आगे बढ़वा दो, अपना ही आदमी है।

जिस पर थाना प्रभारी ने देख लेने की बात कही। इसके बाद 9 जनवरी को फिर कॉल आया और विधायक बनकर फिर लाइसेंस के लिए कहा। इस बार थाना प्रभारी को संदेह हुआ। उन्होंने नंबर की जांच कराई। मोबाइल नंबर कॉलर आईडी पर विधायक प्रवीण पाठक के नाम पर दर्ज बता रहा था।

इसके बाद थाना प्रभारी ने सीधे विधायक प्रवीण पाठक को कॉल कर लिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने कोई कॉल नहीं किया है। बल्कि उन्हें कई दिनों से इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि उनके नाम से कोई लोगों को चमका रहा है। इसलिए उन्होंने इस युवक पर कार्रवाई के लिए भी कहा।

विधायक बोले- इस नंबर की सूचना मिली थी

टीआई महाराजपुरा ने बताया कि विधायक प्रवीण पाठक को जब उन्होंने कॉल कर यह नंबर बताया तो उन्होंने भी माना कि उनके नाम से कोई इस नंबर से कॉल कर अफसरों का फायदा उठाने का प्रयास कर रहा है। उन्हें भी ऐसी सूचना मिली है। इसलिए उन्होंने सख्त कार्रवाई की बात कही।

कॉल किया तो थाने बुलाया और पकड़ लिया जब यकीन हो गया कि कॉल करने वाला विधायक नहीं है तो थाना प्रभारी ने शातिर दिमाग को सबक सिखाने की योजना बनाई। इस बीच लाइसेंस के लिए आवेदन को अस्वीकार कर दिया। पर सोमवार को फिर शातिर दिमाग का फोन आया और लाइसेंस के लिए कहा। इस पर मिर्जा आसिफ बेग ने सत्यभान को थाने भेजने के लिए कहा और तत्काल लाइसेंस पास कर रसीद देने की बात कही।

इसके बाद 20 मिनट में सत्यभान महाराजपुरा थाने पहुंचा और थाना प्रभारी से मिला। उसके पहुंचते ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उससे पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि उसने विधायक के नाम का फायदा उठाकर लाइसेंस पास कराने की सोची थी। पर अभी उसका आपराधिक रिकॉर्ड पुलिस खंगाल रही है।