खाद्य प्रशिक्षण के नाम पर वसूले जा रहे 1200 रूपए
(ब्यूरो कार्यालय)
राजगढ़ (साई)। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की एक गैर सरकारी संस्था के द्वारा राजगढ़ में खाद्य विभाग के आला अधिकारियों की मिली भगत से खाद्य सामग्री विक्रेताओं को लूटने का सिलसिला थम नहीं रहा है। सिवनी जिले की एक एनजीओ के द्वारा इस मामले में वसूली के आरोप भी लग रहे हैं।
इस मामले में अनेक दुकानदारों ने ऑफ द रिकार्ड समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें डर है कि कहीं उनका नमूना मानक आधार पर गलत साबित न कर दिया जाए, इसलिए वे खाद्य विभाग के मुलाजिमों की मुठ्ठी गर्म करने मेें लगे हुए हैं। खाद्य प्रशिक्षण के नाम पर सिवनी के एनजीओ ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन रिसर्च फाऊॅडेशन के नाम से शहर के दुकानदारों से जमकर वसूली किए जाने के आरोप भी लग रहे हैं।
कहा जा रहा है कि प्रशिक्षण शिविर के नाम पर कोई नियम कायदे या प्रावधान भी नहीं बताए जा रहे हैं। खाद्य विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा कुछ दुकानदारों को डरा धमका कर यह बताया जा रहा है कि उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। दीपावली के पूर्व से आरंभ हुआ यह लूट का सिलसिला अभी भी जारी है। दुकानदारों से 1200 रूपए की राशि जबरन ही वसूल की जा रही है। दुकानदारों का यह कहना भी है कि उन्हें धमकाया जा रहा है कि अगर उनके द्वारा 1200 रूपए जमा कराकर रसीद नहीं ली गई तो उनके प्रतिष्ठान से नमूने एकत्र कर मानक आधार पर उन नमूनों को अमान्य घोषित भी करवा दिया जाएगा।
खाद्य विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि उक्त एनजीओ या खाद्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा दुकानदारों को यह भी नहीं बताया जा रहा है कि इस 1200 रूपए की राशि में से कितना पैसा शासन के खाते में जमा कराया जाएगा। दुकानदार इतने भयाक्रांत हैं कि उनके द्वारा लूट की बात तो स्वीकार की जाती है किन्तु रसीद दिखाने की बात करते ही वे पीछे हट जाते हैं। इतना ही नहीं एनजीओ की वेब साईट भी अब ऑन एयर नहीं है, उसका पेज भी बंद ही बता रहा है।

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