डिंडौरी-अनूपपुर की सीमा पर तीन लोगों को कुचलने वाले हाथी बने मुसीबत, फिर लौटे
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। डिंडौरी-अनूपपुर की सीमा पर तीन अप्रैल को तीन ग्रामीणों को कुचलकर मारने वाले दो हाथी वन विभाग के लिए मुसीबत बन गए हैं। दोनों हाथी लगातार छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहे थे। छग की सीमा पर पहुंचने के ठीक पहले हाथी मुड़ गए और कान्हा टाइगर रिजर्व का रास्ता पकड़ लिया है। विभाग अब उनकी गतिविधियों पर नजर जमाए हुए है और उन्हें कान्हा के फैन अभयारण्य तक लाने की रणनीति में जुटा है।
यदि हाथी अभयारण्य पहुंच जाते हैं तो पर्याप्त भोजन मिलने के कारण उनके लंबे समय तक वहीं रहने की उम्मीद है। छग के रास्ते असम से आ रहे प्रदेश के लिए हाथी नई समस्या बनकर सामने आए हैं। छत्तीसगढ़ के रास्ते असम के हाथी लगातार मध्य प्रदेश आ रहे हैं और यहां खाना-पानी का इंतजाम तलाश रहे हैं। दो नर हाथी पांच माह पहले प्रदेश में आए थे और काफी अंदर तक (नरसिंहपुर) पहुंच गए।
लौटते हुए उन्होंने तीन लोगों को पैरों से कुचलकर मार भी दिया। घटना के बाद हाथी रोज 25 से 30 किमी चले और छत्तीसगढ़ की सीमा पर पहुंच गए थे, लेकिन सीमा से ठीक पहले हाथी एक बार फिर लौट गए। अब वे कान्हा टाइगर रिजर्व की तरफ जा रहे हैं। वन विभाग का दस्ता लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है और हाथियों के आने से पहले उनके रास्ते में पड़ने वाले गांवों के लोगों को अलर्ट कर रहे हैं।
हाथियों को पकड़ने की अनुमति
दोनों हाथियों को पकड़ने की अनुमति केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय करीब ढाई माह पहले दे चुका है, लेकिन वन अफसर उन्हें पकड़ने से बच रहे हैं। अफसरों का कहना है कि पकड़ना आखिरी विकल्प है। यदि वे वापस असम चले जाते हैं, तो बेहतर रहेगा।

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