अस्पताल की नई बिल्डिंग में है अद्भुत खूबी

 

 

 

 

 

एक बार अंदर गए तो नहीं जाना पड़ेगा बाहर

(ब्‍यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। दो हजार बिस्तरों वाली इस बिल्डिंग का 85 फीसदी काम पूरा हो गया है। यह बिल्डिंग की अद्भुत खूबी के बारे में आप नहीं जानते होंगे। मरीजों को एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में जाने में परेशानी ना हो इसके लिए यहां अंडर ग्राउंड टनल के साथ छह ओवर ब्रिज (कनेक्टिंग कॉरीडोर/ ब्रिज) का निर्माण किया जा रहा है। इन कनेक्टिंग कॉरीडोर से मरीज अंदर ही अंदर पूरे मेडिसिटी में घूम सकते हैं।

इन ओव्हर ब्रिज के तैयार होने के बाद अस्पताल के दोनों ब्लॉक, तीन मल्टीलेवल के ओपीडी और ट्रॉमा बिल्डिंग आपस में जुड़ जाएंगे। खाना और लॉड्री के लिए अंडर ग्राउंड टनलब्लॉक एक में केंटीन और किचन का निर्माण किया जाएगा। वहीं ब्लॉक दो में मैकेनाइज्ड लॉंड्री बनाई जाएगी। एेसे में पूरे एक दूसे ब्लॉक में खाना और कपड़े सप्लाई करने के लिए जमीन से दस फुट नीचे टनल तैयार होगी। करीब १२ फुट चौड़ी इस टलन में मरीज भी आ जा सकेंगे।

तीसरी मंजिल पर कार रखकर सीधे अस्पताल में

तीनों मल्टीलेवल पार्र्किंग से अस्पताल में जाने के लिए ओव्हर ब्रिज तैयार किया जाने हैं। दूसरी से तीसरी मंजिल पर बनने वाले इस ब्रिज का फायदा यह होगा कि मरीज और उनके परिजनों को पार्र्किंग में कर खड़ी की बाहर नहीं जाना पड़ेगा। वे सीधे अस्पताल में पहुंच जाएंगे।

मेडिकल कॉलेज के लिए भी ब्रिज

अस्पताल के चिकित्सकों के लिए भी कनेक्टिंग कॉरीडोर तैयार किए जाएंगे। मौजूदा मल्टी लेवल पार्र्किंग से मंदिर के ऊपर से होते हुए मेडिकल कॉलेज को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा इस पार्किंग से ओपीडी ब्लॉक को जोडऩे के लिए फुट ओवर ब्रिज भी बनाया जाएगा।

मरीजों की सुविधा को देखते हुए कनेक्टिंग कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है। इससे मरीजों को एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक तक जाने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।

सुनील श्रीवास्तव,

प्रोजेक्ट इंजीनियर,

पीआईयू