(शरद खरे)
लगभग एक पखवाड़े से सिवनी शहर की चिल्लहर सब्जी मण्डी को लेकर चर्चाओं के दौर जारी हैं। इस मामले में जिला प्रशासन, नगर पालिका, कृषि उपज मण्डी साहित सांसद, विधायकों की ओर से किसी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रया न आना आश्चर्य का ही विषय माना जायेगा।
इसके पहले थोक सब्जी मण्डी को नगर पालिका के बाजू से नागपुर रोड ले जाया गया था। इसे जबस्थानांतरित किया गया था तब लोगों की प्रतिक्रियाएं ज्यादा सामने नहीं आयीं थीं, क्योंकि थोक सब्जी मण्डी का सीधा संपर्क आम नागरिकों से नहीं रहता है। थोक सब्जी मण्डी के कारण यातायात जाम की स्थितियां भी निर्मित होती थीं एवं यह स्थान भी छोटा पड़ने लगा था।
थोक सब्जी मण्डी को स्थानांतरित किये सात-आठ माह बीत जाने के बाद भी नागपुर रोड स्थित सब्जी मण्डी में माकूल व्यवस्थाएं नहीं किये जाने के कारण व्यापारियों का भरोसा कृषि उपज मण्डी प्रशासन से उठता दिख रहा है, क्योकि जिस तरह की व्यवस्थाएं वहाँ करवायी जाना चाहिये थीं, वे व्यवस्थाएं व्यापारियों के हिसाब से नहीं हो पायीं हैं।
अब बुधवारी स्थित सब्जी मण्डी को यहाँ से हटाये जाने की बात सामने आने से चिल्लहर सब्जी मण्डी के व्यापारियों के दिलों की धड़कनें तेज होना स्वाभाविक ही है। वर्षों से यहाँ रहकर व्यवसाय करने वालों को नये स्थान पर जाकर अपना व्यवसाय को जमाने में मशक्कत करना पड़ सकता है।
सिवनी शहर में कमोबेश हर मोहल्ले, चौक चौराहे पर सब्जी बेचने वाले बैठे दिख जाते हैं। सिवनी शहर का विस्तार पहले की अपेक्षा हो चुका है। तीन चार दशक पहले का सिवनी और आज के सिवनी का स्वरूप बहुत ही भिन्न है। शहर में बारापत्थर, डूण्डा सिवनी, छिंदवाड़ा नाका, भैरोगंज आदि स्थानों पर नये व्यवसायिक क्षेत्र विकसित हो चुके हैं।
इस लिहाज़ से अब सिवनी शहर में कम से कम चार से पाँच छोटी सब्जी मण्डियों को बनाये जाने की आवश्यकता महसूस होने लगी है। आज आवश्यकता इस बात की है कि आने वाले दशकों में सिवनी शहर की बढ़ने वाली आबादी, बसाहट आदि को ध्यान में रखते हुए नये बाज़ारों को विकसित किया जाये।
वैसे पुरानी सब्जी मण्डी को अगर यथावत रखते हुए सब्जी मण्डी के बाहर एवं चौक चौराहों पर अतिक्रमण कर लगने वाली दुकानों की बजाय कटंगी नाका, बरघाट नाका, गंज स्थित पुरानी गल्ला मण्डी, फुटबॉल स्टेडियम के आसपास एवं पॉलीटेक्निक के पीछे अथवा बबरिया रोड पर कहीं चिल्लहर सब्जी मण्डियां स्थापित करवा दी जाती हैं तो निश्चित तौर पर कम से कम चार से पाँच सौ परिवारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही थोक सब्जी मण्डी के व्यापारियों का व्यापार भी बढ़ेगा।
जिला प्रशासन के साथ ही साथ सांसद, विधायकों से जनापेक्षा है कि जनता से सीधे जुड़े इस संवेदनशील मामले में कोई ठोस कार्ययोजना बनायी जाकर उसे जनता के सामने लाया जाये ताकि सब्जी मण्डी के विस्थापन की बात पर से कुहासा हटाया जा सके।