लापरवाही: खुले में रखा अनाज!

 

(शरद खरे)

प्रदेश में निज़ाम बदल गये, हाकिम बदल गये, पर नहीं बदली तो जिला स्तर पर व्यवस्थाएं। जिले में प्रशासनिक तंत्र पहले के ही मानिंद लापरवाह नज़र आ रहा है। जिले में डॉ.ढाल सिंह बिसेन के बाद मंत्री भी नहीं बने हैं इसलिये प्रशासनिक अधिकारियों का बेलगाम होना स्वाभाविक ही है।

लगभग डेढ़ दशक से जिले में इस तरह का आलम नज़र आ रहा है मानो जिले की जनता के द्वारा सांसद, विधायकों को जनादेश देने की बजाय अधिकारियों को जनादेश दिया गया हो। भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में व्यवस्थाएं पूरी तरह पटरी से उतरीं और आज भी व्यवस्थाएं पटरी पर लौटने का नाम नहीं ले रही हैं।

जिले के दोनों सांसदों और चारों विधायकों को भी इन अव्यवस्थाओं से ज्यादा सरोकार नज़र नहीं आता रहा, वर्तमान हालात भी इसी तरह के दिख रहे हैं। जिले में अफसरशाही पूरी तरह हावी है और बाबूराज के बेलगाम घोड़े पूरी गति से दौड़ रहे हैं। जनता कराह रही है पर किसी को उसकी परवाह नज़र नहीं आ रही है।

जिले में किसानों के अनाज की सरकारी खरीदी की गयी है। इस खरीदी में भी किस तरह की अनियमितताएं हुई हैं वह किसी से छुपी नहीं हैं। अव्यवस्थाओं के चलते किसानों का अनाज बारिश में गीला हुआ तो कहीं-कहीं किसानों को अपने अनाज की हफ्तों तकवारी भी करना पड़ा।

वर्तमान में सरकारी स्तर पर खरीदे गये अनाज को सिमरिया में बने खुले चबूतरों पर रखा जा रहा है। ये चबूतरे कई वर्षों पुराने और पूरी तरह ज़र्जर हो चुके हैं। यहाँ कटीले तारों की फैंसिंग भी जगह-जगह से टूट-फूट कर जीर्ण-शीर्ण हालत में पहुँच चुकी है। इनमें सुधार करवाने के नाम पर लाखों रूपये पानी में बहा दिये गये हैं।

इसे जिस स्थान पर भण्डारित किया जा रहा है वह शहर से महज़ सात से आठ किलो मीटर दूर स्थित है। समाचार माध्यमों के जरिये इस विसंगति को उज़ागर किये जाने के बाद भी अब तक प्रशासनिक अमले के द्वारा स्थल का निरीक्षण नहीं किया जाना आश्चर्य का ही विषय माना जायेगा।

इस मामले में सत्ताधारी काँग्रेस संगठन और विपक्ष में बैठी भाजपा को भी ज्यादा सरोकार नहीं दिख रहा है। वर्षों से यही प्रतीत होता रहा कि काँग्रेस के लिये स्थानीय सांसद नरेंद्र मोदी और विधायक शिवराज सिंह चौहान रहे हैं तो भाजपा ने राहुल गाँधी को जिले का सांसद और दिग्विजय सिंह को जिले का विधायक माना है। यही कारण है कि जिले की समस्याओं को छोड़कर दोनों ही दलों के द्वारा प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के मामलों को उठाने में ही ज्यादा दिलचस्पी दिखायी गयी है।

बहरहाल, खुले में रखे अनाज की कीमत दो सौ करोड़ रूपये से ज्यादा की बतायी जा रही है। संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह, जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार खुराना एवं जिला भाजपा अध्यक्ष प्रेम तिवारी से जनापेक्षा है कि वे स्वसंज्ञान से सिमरिया स्थित उस स्थान का निरीक्षण अवश्य करें और अन्नदाता किसान के गाढ़े पसीने की कमाई के अनाज को सुरक्षित रखने के मार्ग प्रशस्त करें।