नशे में झूमता सिवनी शहर

 

 

(शरद खरे)

यह वाकई दुर्भाग्य से कम नहीं माना जायेगा कि शाम ढलते ही सिवनी शहर में मयज़दों की तादाद में जमकर इज़ाफा हो जाता है। सिवनी शहर में शाम के धुंधलके के बाद देर रात या यूँ कहें तारीख बदलने के बाद भी नशैलों का आतंक सड़कों पर पसरा रहता है पर कोतवाली पुलिस पूरी तरह मौन ही धारण किये रहती है।

रात जैसे-जैसे गहराती है वैसे-वैसे सभ्य समाज के वाशिंदे तो अपने-अपने घरों में दुबक जाते हैं पर जरायमपेशा लोगों का मानों दिन निकलता हो। युवाओं की टोली तेज रफ्तार में तरह-तरह की कर्कशी आवाज वाले मोटर साईकिल के साईलेंसर से भयानक किस्म की आवाजें निकालते हुये माहौल की शांति भंग करते नज़र आते हैं।

पता नहीं रात में पुलिस कहाँ गायब हो जाती है। कुछ माह पूर्व दस बजे अवश्य ही पुलिस के द्वारा हूटर सायरन बजाकर दुकानें बंद करवायी जाती रहीं हैं पर दशहरे के बाद से पुलिस भी सायलेंट मोड पर ही दिख रही है। देर रात पुलिस गश्त के हूटर और सायरन की आवाजें भी यदा कदा ही सुनायी दे रही हैं।

सिवनी में देर रात तक मयखाने खुले रहते हैं। आसपास के ढाबों में अघोषित तौर पर शराब परोसी जा रही है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इस बारे में जानकारियां नहीं हैं, बावजूद इसके पुलिस और आबकारी विभाग पूरी तरह से मौन क्यों है इस बारे में दबी जुबानों से होने वाली चर्चाएं, सही साबित होती दिखती हैं।

आबकारी विभाग के द्वारा भी कथित तौर पर सघन जाँच अभियान सिर्फ ग्रामीण अंचलों तक ही सीमित कर रखा गया है। शहर या आसपास आबकारी विभाग की नज़रें शायद नहीं पड़ पाती हैं। इसका कारण क्या है, यह समझ से परे ही है। आबकारी विभाग को भी मानों अवैध शराब की बिक्री से ज्यादा लेना देना नहीं रह गया है।

साल भर में शहर से सटे होटल ढाबों में कितने स्थानों पर आबकारी विभाग के द्वारा छापेमारी कर कितनी अवैध शराब पकड़ी गयी है, यह बात भी सरकारी विज्ञप्तियों का हिस्सा तक नहीं बन पाती हैं। रात ग्यारह बजे के बाद जबलपुर, बरघाट, नागपुर रोड आदि के ढाबों से लौटते मयज़दों के वाहनों की असामान्य गति कभी भी गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती है।

लोगों का कहना है कि सिवनी में अपराध घट रहे हैं, आवश्यक नहीं है कि हर अपराध की सूचना कोतवाली में दर्ज करायी जा रही हो। लोग सहमे हैं, जरायमपेशा लोग सिर उठा रहे हैं, सुबह और शाम को कोचिंग जाने वाली बालाएं अपने आप को शोहदों से असुरक्षित पा रहीं हैं। इन परिस्थितियों में अब कठोर कार्यवाही की उम्मीद लोगों के द्वारा की जा रही है। नया साल आने को है, नये साल के जश्न में भी लोग मदिरा के सेवन पर ज्यादा जोर दे सकते हैं। इसलिये ऐहतियातन ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।

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