सुखद संकेत हैं नये साल पर दुर्घटनाओं में कमी

 

(शरद खरे)

अमूमन मेले ठेले, नये साल, होली आदि पर वाहन दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ौत्तरी देखी जाती रही है। संभवतः यह पहला ही अवसर होगा जबकि नये साल के पहले दिन दुर्घटनाओं में बहुत ही ज्यादा कमी दर्ज की गयी हो। इस साल 31 दिसंबर की रात्रि से 01 जनवरी की रात तक दुर्घटनाओं की ज्यादा खबरें नहीं आयी हैं।

अक्सर इस तरह के अवसरों पर लोग विशेषकर युवा वर्ग के द्वारा पूरा उत्साह प्रदर्शित किया जाता है। इतना ही नहीं इन अवसरों पर मदिरापान करना आम बात हो गयी है। नशे की हालत में लोग अपने आप को तो व्यवस्थित महसूस करते हैं, पर वे भूल जाते हैं कि नशे में उनकी गतिविधियां सामान्य नहंी रह जाती हैं। कुछ लोग नशे में होने का स्वांग करते हुए अपनी किरकिरी करवाते हैं तो कुछ ज्यादा ही सम्हलने के प्रयास में असामान्य हरकतें करने लगते हैं।

हर साल होली और नये साल पर दुर्घटनाओं की तादाद में विस्फोटक बढ़ौत्तरी दर्ज की जाती रही है। इस दौरान दो पहिया वाहनों की टक्करें होना आम बात है। इसके अलावा नशे की स्थिति में जरा-जरा सी बात पर वाद विवाद के बाद मारपीट की नौबत तक आ जाती है।

इस साल इस तरह की खबरें न के बराबर ही मिली हैं। इसके पीछे पुलिस की सख्ती और मौसम के मिजाज को काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। साल के आखिरी दिन शाम से ही बारिश ने लोगों के उत्साह पर पानी फेर दिया था। बारिश के चलते लोग घरों से निकलने में कतराते ही दिखे। वहीं शहर के बाहर जाकर ढाबों आदि पर जश्न मनाने वालों ने भी देर रात पानी की आशंकाओं को देखते हुए या तो अपने-अपने कार्यक्रम निरस्त कर दिये या जल्दी ही घरों की ओर कूच करना मुनासिब समझा।

31 दिसंबर की रात में लगभग साढ़े दस बजे के बाद पुलिस के द्वारा भी चौक चौराहों पर वाहनों की चैकिंग आरंभ कर दी गयी थी। पुलिस बकायदा ब्रीथ एनलाईजर (एक विशेष प्रकार का यंत्र, जिसमें फूंकने पर पता चल जाता है कि वाहन व्यक्ति के द्वारा सुरा का सेवन किया गया है अथवा नहीं) लेकर चैकिंग की जा रही थी। शहर के कमोबेश हर चौक चौराहे पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद पर अपेक्षाकृत नरमी (लिबरल) के साथ दिखी, जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ा।

नया साल हो या अन्य तीज त्यौहार, इन्हें परांपरागत उल्लास के साथ मनाया जाता रहा है और आगे भी मनाया जाना चाहिये, किन्तु इस तरह के अवसरों पर शालीनता को अगर न त्यागा जाये तो शायद ही किसी को आपत्ति हो। नया साल हो या अन्य कोई अवसर, अगर इन अवसरों पर फूहड़ता के साथ गंदगी को त्याग दिया जाये तो पुलिस के द्वारा भी शायद ही किसी को रोका जाये। बहरहाल, यह राहत की बात ही मानी जायेगी कि इस बार नव वर्ष के आगमन पर कोई दुःखद घटना सुनायी नहीं दी।