सानन्द निपट गयी होली

 

(शरद खरे)

होली का त्यौहार भारत वर्ष में बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली का इंतज़ार युवाओं और बच्चों को सबसे ज़्यादा रहता है। इस दिन रंगों में सराबोर सभी पुराने गिले शिकवे भुलाने की चेष्टा करते हैं। सिवनी में होली का त्यौहार बहुत ही सादगी और परंपरागत उल्लास के साथ मनाया जाता रहा है।

लगभग एक डेढ़ दशक से सिवनी में होली के त्यौहार पर लड़ाई झगड़े और विशेषकर शराब के नशे में होने वाली दुर्घटनाओं की तादाद में जमकर बढ़ौत्तरी दर्ज की गयी है। होली पर युवाओं में नशे का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है। आज सामाजिक वर्जनाएं नशे के कारण तार-तार हो रही हैं।

होलिका दहन का मुहूर्त भी जल्दी होने के कारण लोगों ने होलिका दहन किया और उसके बाद घरों की ओर कूच कर गये। वैसे भी मौसम में आये परिर्वतन के कारण होली का उत्साह कुछ कम ही दिखा। रात में हुरियारों की टोलियां भी सड़कों पर कम ही नजर आयीं।

धुरैड़ी की सुबह झमाझम पानी गिरने से लोग घरों में ही कैद रहे। दस बजे के आसपास जब मौसम कुछ साफ हुआ तब हुरियारे अपने-अपने घरों से बाहर निकले। चौक चौराहों पर परंपरागत उल्लास के साथ लोगों ने जिस शालीनता से होली का पर्व मनाया वह तारीफे काबिल ही माना जा सकता है।

होली के दिन पुलिस के द्वारा जिस तरह से सख़्ती किन्तु लिबर्टी वाली सख्ती अपनायी गयी, उसके लिये जिले की पुलिस साधुवाद की पात्र है। चौक चौराहों पर पुलिस दो पहिया वाहनों मेें तीन सवारियों को रोकती और उन्हें समझाईश देकर रवाना करती। इस तरह सारे शहर में पुलिस की सख्ती का संदेश गया, जिससे दो पहिया वाहन में तीन सवारियां बैठी कम ही दिखायी पड़ीं।

होली के दूसरे दिन जब लोग मिल बैठकर त्यौहार की समीक्षाएं करने जुटे तो लोगों ने पाया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष होली पर हुल्लड़ तो पूरी हुई किन्तु अश्लीलता और अभद्र व्यवहार के साथ होने वाली हुल्लड़ में कमी दर्ज की गयी। वैसे भी महंगाई के दौर में लोगों के अंदर अब तीज त्यौहार मनाने की इच्छाएं कम होती नज़र आ रही हैं।

कुल मिलाकर होली को परंपरागत उत्साह, उमंग के साथ ही साथ शांति पूर्ण तरीके से मनवाने के लिये जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह और जिला पुलिस अधीक्षक कुमार प्र्रतीक सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन को जिले के नागरिक दिल से धन्यवाद ही दे रहे होंगे।