(शरद खरे)
शादी ब्याह का मौसम एक बार फिर आरंभ हो गया है। शादी ब्याह के सीजन में शहर के अंदर की सड़कों सहित आसपास के क्षेत्रों में घण्टों जाम लग जाता है। इस जाम में फंसकर लोग अपना समय बर्बाद करते दिखते हैं। इस मामले में स्थानीय निकाय, परिवहन विभाग, यातायात पुलिस के द्वारा किसी तरह की कार्यवाही न किया जाना आश्चर्य का ही विषय माना जा सकता है।
देखा जाये तो शहर के अंदर और बाहर चल रहे शादी लॉन्स आदि को कार्यक्रमों की अनुमति इसी शर्त पर दिया जाना चाहिये कि उनके पास पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था हो। कागजों पर तो इन सभी के पास पार्किंग की व्यवस्था होगी, पर जिस स्थान पर पार्किंग करवाना चाहिये वहाँ इनके द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन करवा दिया जाता है।
शादी ब्याह के मौसम में सड़क किनारे खड़े वाहन इसी बात की चुगली करते दिखते हैं कि इन सारे के सारे आयोजन स्थलों पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। जबलपुर रोड, नागपुर रोड, छिंदवाड़ा और बरघाट रोड सहित कटंगी रोड पर बने लॉन्स में आयोजनों के द्वौरान जाम लगना आम बात हो चुकी है।
सिवनी अनुविभाग में इस तरह की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हों इसके लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार सहित राजस्व अधिकारियों की यह जवाबदेही है कि वे खुद इस समस्या को देखें और इसका माकूल हल निकालने की दिशा में प्रयास करें। आचार संहिता के चलते शादी ब्याह में बाजे गाजे की अनुमति भी लेना पड़ रहा है। जाहिर है प्रशासन और पुलिस को यह पता ही होगा कि किस लॉन में शादी हो रही है। इस लिहाज़ से प्रशासन चाहे तो पार्किंग की बाध्यता के साथ अनुमति प्रदाय करे और हर दिन इसकी वीडियोग्राफी भी करवाये। इसका उल्लंघन जो लॉन संचालक करते पाया जाये उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये।
आयोजन स्थलों के संचालकों को इस बात से कोई सरोकार नजर नहीं आता है कि उनके लॉन्स आदि में हो रहे आयोजन से सड़कों पर जाम लग रहा है। उन्हें तो बस पैसा कमाने से फुर्सत नहीं दिखती है। शाम को होने वाले आयोजनों में जाम इसलिये भी लगता है क्योंकि शाम के समय नो एंट्री भी खुल जाती है जिसके चलते भारी वाहन भी शहर में प्रवेश करते और बाहर आते-जाते हैं। इसके चलते यातायात का दबाव बढ़ना स्वाभाविक ही है।
इस तरह के आयोजनों में लगने वाले जाम में कोतवाली पुलिस और यातायात पुलिस के जवानों को अगर पसीना बहाना पड़ रहा है तो इसके लिये उनका वेतन भी आयोजन स्थल के संचालकों से वसूला जाना चाहिये। इसके लिये जिला प्रशासन को बकायदा एक्शन लेने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह से जनापेक्षा है कि इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर वे स्वसंज्ञान से लॉन्स, होटल संचालकों, परिवहन विभाग, यातायात पुलिस, कोतवाली व डूण्डा सिवनी पुलिस की संयुक्त बैठक आहूत कर इस तरह के निर्देश जारी करें कि आने वाले समय में सड़कों पर जाम की स्थिति न बन पाये। अगर ऐसा हुआ तो यह आदेश नजीर बनेगा और भविष्य में यह काम आ सकता है।
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