नियम विरूद्ध चलते नर्सिंग कॉलेज़़

 

 

(शरद खरे)

सिवनी जिले में कानून-कायदों को बलाए ताक पर रखना अधिकारियों का प्रिय शगल बनकर रह गया है। सरकार के द्वारा जो नियम कायदे बनाये गये हैं उनका पालन करने की बजाय अपने तौर तरीकों और सहूलियतों के हिसाब से व्यवस्थाएं संचालित और संपादित हो रही हैं।

आश्चर्य इस बात पर भी होता है कि इस तरह से मनमाने नियम कायदों या नियमों को बलाए ताक पर रखने के बाद भी अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारी इस बात का प्रतिकार करने की बजाय, यस सर की भूमिका में ही नज़र आते हैं। रही बात जनता के रखवाले सांसद-विधायकों की तो वे भी अपने आप को आम जनता की श्रेणी में लाकर खड़ा करते हुए, हम क्या कर सकते हैं का जुमला कहते सुने जा सकते हैं।

सिवनी में एक नहीं कमोबेश हर विभाग में ही अराजकता हावी प्रतीत हो रही है। हाल ही में नर्सिंग कॉलेज़ का एक मामला प्रकाश में आया है। नर्सिंग काउन्सिल ऑफ इंडिया के नियमों को माना जाये तो एक प्रशिक्षणार्थी नर्स को कम से कम सौ बिस्तर वाले अस्पताल में अधिकतम तीन पलंग में तीमारदारी की सेवाएं देकर प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिये।

आधा दर्जन नर्सिंग कॉलेज़ सिवनी में संचालित होने की खबरें हैं, जिनमें प्रत्येक के पास तीस-तीस सीट हैं। इस लिहाज़ से लगभग 180 नर्सेस़ प्रशिक्षण पा रहीं हैं। इन 180 प्रशिक्षणार्थी नर्सेस़़ के लिये 540 पलंग या 100 पलंग वाले कम से कम छः अस्पताल की आवश्यकता है।

सिवनी में 100 बिस्तर से अधिक वाले दो ही अस्पताल हैं। एक है जिला चिकित्सालय और दूसरा एक निज़ि अस्पताल। यक्ष प्रश्न यही है कि आखिर इतनी भारी तादाद में प्रशिक्षण लेने वाली नर्सेस़ कहाँ क्लीनिकल प्रशिक्षण पा रहीं होंगी। जाहिर है सारी की सारी औपचारिकताएं कागज़ों पर ही होंगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को इसका समय-समय पर निरीक्षण करना चाहिये एवं जिन अस्पतालों के द्वारा इन नर्सिंग कॉलेज़ को संबद्धता दी गयी है उसके निरीक्षण का दायित्व भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का ही है, पर लगता है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय इन दिनों डाकघर की भूमिका में है। इधर औपचारिकताओं के पत्र आये, उधर इन पत्रों को आगे बढ़ा दिया गया।

इस मामले में जिले के दोनों सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते एवं डॉ.ढाल सिंह बिसेन, जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे, भाजपा के विधायक दिनेश राय, राकेश पाल सिंह, काँग्रेस के विधायक योगेंद्र सिंह एवं अर्जुन सिंह काकोड़िया ने मौन ही साधा हुआ है। अब सबकी नजरें संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह पर जाकर टिकी हुईं हैं कि वे ही इस मामले में जाँच करवाकर कोई कदम उठायेंगे!

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.