शहर में ट्रामा केयर की ओटी

 

 

(शरद खरे)

सिवनी का नेत्तृत्व करने वाले सांसद-विधायकों, विपक्षी दलों के लिये यह शर्म की ही बात मानी जा सकती है कि जिले में दुर्घटनाओं की तादाद में हो रही बढ़ौत्तरी और इनमें काल कलवित होने वाले लोगों की जानकारी से रोजाना ही समाचार पत्रों के पटे होने के बाद भी सात सालों बाद भी जिले में एक भी ट्रामा केयर यूनिट की स्थापना नहीं हो सकी है।

भारतीय राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण (एनएचएआई) के द्वारा जिले में करवाये जा रहे फोरलेन निर्माण में सिवनी शहर के नये बायपास पर ट्रामा केयर यूनिट का निर्माण करवाया जाना चाहिये था। विडंबना ही कही जायेगी कि 2019 समाप्त होने को है इसके बाद भी अब तक जिले में एक भी ट्रामा केयर यूनिट अस्तित्व में नहीं है।

तत्कालीन जिला कलेक्टर भरत यादव के द्वारा जिला मुख्यालय में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में ट्रामा केयर में ऑपरेशन थियेटर को आरंभ कराने की पहल आरंभ की गयी थी, पर यह भी अब तक परवान नहीं चढ़ पायी है। लगातार हो रही दुर्घटनाओं के उपरांत अगर सिवनी में ट्रामा केयर यूनिट होता तो उन्हें उपचार हेतु तत्काल ही जबलपुर या नागपुर नहीं ले जाना पड़ता।

इस साल 26 अप्रैल को सीआरपीएफ की महिला बटालियन के मूवमेंट के दौरान महिला जवान की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। महिला के उपचार के दौरान जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को करीब से देखा गया था। इस दौरान लगा था कि एनएचएआई के ट्रामा केयर यूनिट को बनाये जाने की कवायद आरंभ की जा सकती थी। इसके साथ ही साथ जिला अस्पताल के ट्रामा केयर यूनिट को भी आरंभ कराया जा सकता था।

देखा जाये तो एनएचएआई के द्वारा वर्ष 2010 में ट्रामा केयर यूनिट आरंभ करवाया जाना चाहिये था। विडंबना ही कही जायेगी कि एनएचएआई सहित सांसदों ने भी इस दिशा में प्रयास नहीं किये। सिवनी में सड़क के लिये आंदोलन करने वाले संगठनों के द्वारा भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी जिसका नतीज़ा था कि लोग घायल होते रहे, काल कलवित होते रहे पर किसी ने इस दिशा में प्रयास करना ही मुनासिब नहीं समझा।

इस सड़क पर न जाने कितने निर्दाेष लोग अब तक दम तोड़ चुके हैं और न जाने कितने घायलों को नागपुर या जबलपुर जाकर आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा है। यह जवाबदेही सरकार की है कि वह अपनी रियाया को निःशुल्क चिकित्सा ही मुहैया कराये। यह दुःख का ही विषय है कि हुक्मरानों ने इस दिशा में प्रयास करने की जहमत ही नहीं उठायी।

एनएचएआई के द्वारा सिवनी से खवासा के सड़क भाग का निर्माण करा रही मेसर्स सदभाव इंजीनियरिंग कंपनी के साथ जो अनुबंध किया गया था उसमें, सिवनी बायपास पर इसका निर्माण करवाया जाना प्रस्तावित था। इसके लिये बकायदा जमीन भी चिन्हित कर ली गयी थी। इसका निर्माण क्यों नहीं करवाया गया इसके लिये सांसदों को लोकसभा में प्रश्न करना चाहिये था पर, आठ साल बीतने को है किन्तु किसी एक ने भी इस मामले को लोकसभा में गुंजायमान नहीं किया है।

राज्य शासन के द्वारा जिला चिकित्सालय में ट्रामा केयर यूनिट के लिये भवन का निर्माण तो करवा दिया गया है किन्तु, इसके लिये आवश्यक चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती के मामले में वह अब तक मौन है। जिले के चार विधायक व दोनों संसद सदस्य भी इस मामले मेें निष्क्रिय ही माने जा सकते हैं।

संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह से जनापेक्षा है कि वे ही इस मामले में स्वसंज्ञान से एनएचएआई को इस बारे में पाबंद करें कि जल्द से जल्द सिवनी शहर के बायपास पर (जहाँ ट्रामा केयर यूनिट के लिये जगह भी आवंटित हो चुकी है) ट्रामा केयर यूनिट की संस्थापना की जाये। वहाँ ट्रामा केयर यूनिट जब तक आरंभ हो तब तक जिला चिकित्सालय के ट्रामा केयर यूनिट को आरंभ करवाया जाये।

SAMACHAR AGENCY OF INDIA समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.