सड़कों के परखच्चे उड़ाते डंपर

 

 

(शरद खरे)

सिवनी जिले में प्रशासनिक व्यवस्थाओं को मानो ग्रहण लग चुका है। अधिकारियों पर किसी का बस नहीं चल पा रहा है। अधिकारी मनमानी पर उतारू हैं। अधिकारियों को न तो सांसदों की न विधायकों की और न ही जिला या जनपद पंचायतों के प्रतिनिधियों की परवाह रह गयी है।

लगभग चार सालों से जिले में अनगिनत डंपर्स के द्वारा रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है। पुलिस के द्वारा यदा कदा दो-चार डंपर को पकड़कर रस्म अदायगी कर ली जाती है, इसके बाद फिर खामोशी छा जाती है और रेत का अवैध कारोबार फिर जारी हो जाता है।

पुलिस के थाना क्षेत्रों से होकर ये डंपर बेधड़क गुजरते हैं। पता नहीं पुलिस को ये डंपर दिखायी क्यों नहीं देते हैं। पुलिस के द्वारा भी सघन वाहन चैकिंग के दावे किये जाते हैं पर इस तरह ओवरलोड डंपर पुलिस को चकमा देकर कैसे भाग जाते हैं यह शोध का ही विषय है।

मजे की बात तो यह है कि अवैध उत्खनन को रोकने की सीधी सीधी जवाबदेही खनिज विभाग के कंधों पर है पर खनिज विभाग के द्वारा भी इस मामले में पूरी तरह चुप्पी ही साधे रखी जाती है। खनिज विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में झाबुआ पॉवर प्लांट, ब्रॉडगेज़ एवं सड़कों के निर्माण के लिये धड़ल्ले से अवैध उत्खनन किया गया किन्तु खनिज विभाग की कुंभकर्णीय निंद्रा नहीं टूट सकी।

जिले की समस्याओं के लिये विपक्ष में बैठी काँग्रेस के द्वारा भी शायद ही कभी आवाज उठायी गयी हो। काँग्रेस ने भी अब तक देश-प्रदेश की समस्याओं की ओर ही अपना ज्यादा ध्यान केंद्रित रखा। जिले में चल रहे अवैध कामों पर विपक्ष में बैठी काँग्रेस के मौन से भी अफसरशाही बेलगाम हुई है।

ओवरलोड डंपर्स के द्वारा सड़कों के धुर्रे उड़ाये जा रहे हैं। हिरणों के मानिंद कुलाचे भरने वाले इन डंपर्स के द्वारा सड़कों की जो हालत कर दी गयी है वह किसी से छुपी नहीं है, इसके बावजूद भी लोक निर्माण विभाग, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सहित सभी विभागों के अधिकारियों का मौन समझ से परे ही है।

यदा कदा पुलिस के द्वारा डंपर्स पकड़कर कर्त्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है। संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच एवं पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक से जनापेक्षा है कि वे ही खनिज विभाग को इस बात के लिये पाबंद करें कि डंपर्स पकड़ने के अलावा मुख्य रूप से अवैध उत्खनन में लगीं भारी मशीनों (जिनसे रेत निकाली जा रही है) की जप्ति की कार्यवाही करें, ताकि अवैध रेत उत्खनन पर अंकुश लग सके और सड़कों को बर्बाद होने से बचाया जा सके।