भीड़भाड़ से बचना है बहुत जरूरी, करें टोटल लॉक डाऊन का पालन
(शरद खरे)
कोरोना वायरस जितना खतरनाक है उतना ही ज्यादा संक्रामक भी। इससे संक्रमित एक व्यक्ति से औसतन 3 और लोगों में संक्रमण फैलता है। सुनने में यह आंकड़ा कम लगे लेकिन हकीकत में यह बहुत डरावना है। एक से 3, उन तीन से 9, उन 9 से 27, उन 27 से 81, .अगर यह चेन 10 बार चला तो सिर्फ एक व्यक्ति से 59,000 में फैल सकता है।
कोरोना वायरस महामारी को रोकने के खातिर कहने के लिए तो देश की आधी से ज्यादा आबादी लॉक डाउन में है। लेकिन अब भी बहुत से लोग ग्रुप में सड़कों पर घूमते दिख रहे हैं। देश के तमाम हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आ रही है जहां किराना या सब्जी की दुकानों पर लोग भीड़ की शक्ल में उमड़ रहे हैं। रविवार को अभूतपूर्व जनता कर्फ्यू को पूरे देश ने देखा लेकिन साथ में यह भी देखा कि किस तरह शाम 5 बजे थाली, घंटा बजाते हुए लोग जुलूस की शक्ल में सड़कों पर उतर गए।
भारत में अब कोरोना का कम्यूनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है यानी अब यह सामुदायिक या यूं कहें कि स्थानीय स्तर पर फैलना शुरू कर दिया है। ऐसे नाजुक वक्त में सोशल डिस्टेंसिंग का यूं मजाक उड़ाना बहुत भारी पड़ सकता है, इतना भारी कि उसकी कल्पना भी मुश्किल है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी को अपील करनी पड़ी कि सभी राज्य सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटें। देश में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 400 पार कर चुका है और 8 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
कोरोना को लेकर सरकारों के द्वारा भी जिस तरह से नरमी के साथ बताया जा रहा है, उसके पीछे यही बात उभरकर सामने आ रही है कि कोरोना को लेकर सरकार भी लोगों को डराना नहीं चाहती। देश के प्रधानमंत्री अगर किसी बात पर देश के लोगों को संदेश दे रहे हों तो इसकी गंभीरता को समझा जा सकता है।
डराना मकसद नहीं है लेकिन कोरोना वायरस कितना खतरनाक और संक्रामक है, यह जानना बहुत जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के शुरुआती (23जनवरी) आंकलन के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति से औसतन 1.4 से 2.5 लोगों में संक्रमण फैलता है। कई दूसरे अध्ययनों में संक्रमण के दर को 3.6 से 5.8 तक बताया गया है। अगर एक से औसतन 3 में संक्रमण को लें तो चेन बनने के बाद सिर्फ एक शख्स से हजारों में संक्रमण फैलेगा।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में यूसीएल इंस्टिट्यूट फॉर ह्यूमन हेल्थ ऐंड परफॉर्मेंस के डायरेक्टर प्रफेसर हुग एडवर्ड मोंटगोमरी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को आसान भाषा में समझाया है कि यह कितना खतरनाक है। ब्रिटेन के चौनल 4 से बातचीत में प्रफेसर मोंटगोमरी ने बताया कि नॉर्मल फ्लू में संक्रमित व्यक्ति औसतन 1.3 से 1.4 लोगों तक संक्रमण फैला सकता है। अगर यह चेन 10 बार चला तब भी एक व्यक्ति से करीब 14 लोगों में फ्लू फैलेगा।
दूसरी तरफ कोरोना वायरस बहुत ही तेजी से फैलता है। यह बहुत ही ज्यादा संक्रामक है। इससे संक्रमित एक व्यक्ति से औसतन 3 और लोगों में संक्रमण फैलता है। सुनने में यह आंकड़ा कम लग सकता है लेकिन हकीकत में यह बहुत डरावना है। इसे ऐसे समझिए। एक से 3, उन तीन से 9, उन 9 से 27, उन 27 से 81, अगर यह चेन 10 बार चला तो सिर्फ एक व्यक्ति से 59,000 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पहुंच जाएगा।
भारत में 12 से ज्यादा कोरोना संक्रमित लोगों के ट्रेन में सफर करने की पुष्टि हो चुकी है। कोई दिल्ली से तेलंगाना गया है कोई मुंबई से जबलपुर। ये स्टेशन तक पहुंचे, वहां से ट्रेन में सवार हुए, गंतव्य स्टेशन पर उतरकर अपने-अपने घरों को गए होंगे। इस दौरान सैकड़ों-हजारों लोग इनके संपर्क में आए होंगे।
दिल्ली का भी एक उदाहरण है। यहां शालीमार बाग की एक महिला सऊदी अरब से लौटी। सर्दी, जुकाम, बुखार की शिकायत पर स्थानीय डॉक्टर को दिखाई। बाद में जीटीबी अस्पताल पहुंची, जहां से उसे आरएमएल हॉस्पिटल रेफर किया गया। वहां जांच में उसे कोरोना पॉजिटिव पाया गया। अब सिर्फ उससे 6 अन्य लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। उसने जिस स्थानीय डॉक्टर को सबसे पहले दिखाया था, वह भी पॉजिटिव पाया गया है। उसकी 2 बेटियां और भाई भी पॉजिटिव है।
इसी तरह राजस्थान के भीलवाड़ा में एक प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। एक दिन बाद ही हॉस्पिटल के 5 अन्य स्टाफ में इसकी पुष्टि हुई। गुजरात में कोरोना से मरने वाले एक शख्स की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी यानी स्थानीय स्तर पर उस तक संक्रमण फैला था। साफ है, अब भी सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन नहीं करने वाले चलते-फिरते आत्मघाती दस्ते से कम नहीं है। कोई इस वहम में न रहे कि वह जवान है या पूरी तरह स्वस्थ है लिहाजा उसे कोरोना नहीं हो सकता।
चीन ने शुरुआत में इस वायरस को गंभीरता से नहीं लिया। उस पर आरोप लग रहे हैं कि लंबे वक्त तक उसने इस घातक वायरस की बात दुनिया से छिपाई। अपने लोगों में भय ने फैले, इसके लिए चीन पता लग जाने के बावजूद झूठ बोलता रहा कि इसका इंसान से इंसान में संक्रमण नहीं हो रहा। यहां तक कि कोरोना वायरस के बारे में आगाह करने वाले डॉक्टर को भी प्रताड़ित किया, जिसकी बाद में कोरोना वायरस से ही मौत हो गई। हालांकि, चीन ने अब डॉक्टर ली वेनलियांग के परिवार से माफी मांग ली है। चीन की शुरुआती लापरवाही से कोरोना वायरस तेजी से फैला। बाद में उसने तमाम तरह की पाबंदियों और सख्ती से लॉकडाउन का पालन करा इस पर किसी तरह काबू किया।
इटली में भी लोगों ने शुरुआत में कोरोना वायरस को उस गंभीरता से नहीं लिया, जिस संजीदगी की जरूरत थी। नतीजे सबके सामने हैं। यूरोप का यह छोटा सा लेकिन अमीर देश आज इसकी बहुत बड़ी कीमत चुका रहा है। कोरोना वायरस से अब तक सबसे ज्यादा मौत इटली में ही हुई है। वहां अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 59,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। अब तक इटली में 59 हजार से ज्यादा लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। करीब साढ़े 5 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। भारत के मुकाबले कई गुना मजबूत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर वाले इटली में अब अस्पतालों में जगह नहीं है। जरूरी दवाएं और मेडिकल सामग्री की कमी हो चुकी है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा भी लोगों से अपील की जाती है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करें और घरों पर ही रहने की सलाह का कड़ाई से पालन करें।