साल पूरा, रीता है स्थानीय उपलब्धियों का कलश!

 

 

(शरद खरे)

17 दिसंबर को प्रदेश में काँग्रेस के सत्तारूढ़ हुए एक साल पूरा होने जा रहा है। इसके पहले डेढ़ दशक तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही है। पंद्रह सालों में स्थानीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा क्या उपलब्धियां दी गयीं, यह बात दावे के साथ भाजपा के कार्यकर्त्ता शायद ही कोई बात कह पाये।

सिवनी में स्व.सुश्री विमला वर्मा के द्वारा प्रदेश में मंत्री रहते हुए जितनी सौगातें दी गयी हैं, उनको अगर गिनने बैठा जाये और अनेक बातें छूट जायें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये। सिवनी में जो कुछ भी दिख रहा है उसमें निन्यानबे फीसदी सौगातें सुश्री विमला वर्मा के द्वारा ही दी गयी हैं।

भाजपा के डेढ़ दशक के कार्यकाल में डॉ.ढाल सिंह बिसेन जिले के अंतिम मंत्री रहे हैं। उनके द्वारा सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय को यहाँ से स्थानांतरित होने से रोका गया और सिवनी की जिला जेल को सर्किल जेल के रूप में अपग्रेड करवाया गया था।

भाजपा के पंद्रह सालों के कार्यकाल में किसी भी नेता के द्वारा इन सौगातों के अलावा अन्य किसी तरह की सौगातें गिनाने के पहले बहुत ही बारीक अध्ययन करना होगा। सिवनी में जो भी दिख रहा है वह प्रदेश के नीतिगत मामलों के तहत ही मिला है। इसके अलावा किसी भी जनप्रतिनिधि के द्वारा किये गये प्रयासों के बारे में विस्तार से ज्यादा उल्लेख नहीं मिलते हैं।

बहरहाल, पिछले साल 11 दिसंबर को विधान सभा चुनावों के परिणाम में काँग्रेस ने भाजपा के 15 साल के तिलिस्म को तोड़ दिया था। कमल नाथ के नेत्तृत्व में 17 दिसंबर को काँग्रेस की सरकार का गठन हुआ था। सिवनी जिले में लखनादौन विधान सभा सीट पर काँग्रेस के योगेंद्र सिंह ने काँग्रेस का परचम लहराते हुए अपना जलवा बरकरार रहा।

वहीं, लगभग 27 साल से काँग्रेस के कब्जे में रहने वाली केवलारी विधान सभा सीट को ठाकुर हरवंश सिंह के पुत्र रजनीश सिंह बचा नहीं पाये। उन्हें भाजपा के राकेश पाल सिंह ने धूल चटा दी। केवलारी में काँग्रेस को अब इससे उबरने में लंबा समय लग जाये तो आश्चर्य नहीं होना चाहिये।

लगभग तीन दशक से भाजपा के कब्जे वाली बरघाट विधान सभा सीट को बचाने में संगठन कामयाब नहीं हो पाया। काँग्रेस के अर्जुन सिंह काकोड़िया ने भाजपा के सारे मंसूबों को ध्वस्त करते हुए बरघाट में काँग्रेस का परचम लहरा दिया। इस तरह जिले की चार विधान सभाओं में दो पर काँग्रेस तो दो पर भाजपा के विधायक चुने गये।

काँग्रेस की सत्ता बनने के बाद दो विधायक और प्रदेश काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबी जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार खुराना पर लोगों की निगाहें दिख रहीं थीं। लोगों को लग रहा था कि सालों से उपेक्षित जिले को प्रदेश सरकार के द्वारा कुछ सौगातें अवश्य दी जा सकेंगी।

17 दिसंबर को प्रदेश सरकार के एक साल के कार्यकाल पर जिला काँग्रेस सहित नगर और ब्लॉक काँग्रेस के द्वारा तरह-तरह की उपलब्धियों का बखान किया जा सकता है। इन उपलब्धियों में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को ही जिले की उपलब्धियां बनाकर प्रचारित किया जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये।

एक साल में जिले के दोनों विधायकों व जिला, नगर और ब्लॉक काँग्रेस के पास उपलब्धियों के नाम पर शायद ही कुछ हो। हो सकता है कि जिला चिकित्सालय में चल रहे कायाकल्प अभियान का श्रेय जिला या नगर काँग्रेस के द्वारा लेने का प्रयास किया जाये पर कम ही लोग जानते होंगे कि कायाकल्प अभियान मूल रूप से केंद्र सरकार की योजना है।

2018 में दिसंबर के महीने में प्रदेश में काँग्रेस की सरकार बनने के पहले काँग्रेस को जिला पंचायत की अनेक योजनाओं में भ्रष्टाचार दिखता था। नगर पालिका परिषद की मॉडल रोड और जलावर्धन योजना में नियम विरूद्ध काम कराने की बात कहते हुए काँग्रेस के नेताओं के गले सूख जाया करते थे पर काँग्रेस के सरकार में आने के बाद इन सारी योजनाओं में नियम विरूद्ध हुए काम और भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में काँग्रेस ने जिस तरह से यू टर्न लिया उससे लोग भी आश्चर्य कर रहे हैं।

लोगों का कहना है कि अगर भाजपा के शासनकाल में नगर पालिका या जिला पंचायत में भ्रष्टाचार हुआ था तो एक साल में उन आरोपों की जाँच क्यों नहीं करवायी गयी! इससे यही प्रतीत हो रहा है कि काँग्रेस के द्वारा भी पुरानी परंपराओं का पोषण ही किया जा रहा है।

उम्मीद की जानी चाहिये कि सरकार बनने के एक साल की अवधि के पूरा होने पर भाजपा के दोनों विधायकों, काँग्रेस के दोनों विधायकों सहित जिला काँग्रेस, नगर काँग्रेस, ब्लॉक काँग्रेस सहित जिला भाजपा, नगर भाजपा और भाजपा के विभिन्न मण्डलों के द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की उपलब्धियों से जनता को अवगत करवाया जायेगा . . .!