कब चालू होगा ट्रामा केयर यूनिट

 

 

(शरद खरे)

तत्कालीन जिला कलेक्टर भरत यादव के द्वारा जिला मुख्यालय में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में ट्रामा केयर में ऑपरेशन थियेटर को आरंभ कराने की बात महज़ कागजी आदेश ही साबित हुई है। ट्रामा केयर यूनिट के ऑपरेशन थियेटर में ओटी आरंभ नहीं हो पायी है। इसके लिये आवश्यक उपकरण बुलाने के निर्देश भी हवा में ही उड़ते दिखे। भरत यादव के बाद धनराजू एस. एवं गोपाल चंद्र डाड जिले के कलेक्टर रहे और वर्तमान जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच का कार्यकाल भी एक साल से अधिक का हो चुका है।

देखा जाये तो यह पहल एनएचएआई को वर्ष 2010 में इसे आरंभ कराया जाना चाहिये थी। विडंबना ही कही जायेगी कि एनएचएआई सहित सांसदों ने भी इस दिशा में प्रयास नहीं किये। सिवनी में सड़क के लिये आंदोलन करने वाले संगठनों के द्वारा भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी, जिसका नतीज़ा था कि लोग घायल होते रहे, काल कलवित होते रहे पर किसी ने इस दिशा में प्रयास करना ही मुनासिब नहीं समझा। फोरलेन के लिये हुए आंदोलन भी दो तीन सालों से शांत ही दिख रहे हैं।

इस सड़क पर न जाने कितने निर्दाेष लोग अब तक दम तोड़ चुके हैं। नागपुर या जबलपुर जाकर न जाने कितने घायलों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा है। यह जवाबदेही सरकार की है कि वह अपनी रियाया को निःशुल्क चिकित्सा मुहैया कराये। यह दुःख का ही विषय है कि हुक्मरानों ने इस दिशा में प्रयास करने की जहमत ही नहीं उठायी।

लगभग चार साल पहले तत्कालीन जिला कलेक्टर के द्वारा इस मामले में पहल कर जिला चिकित्सालय के तत्कालीन अधीक्षक डॉ.महेंद्र नारायण सूर्यवंशी को इसके लिये पाबंद किया गया था कि ट्रामा केयर यूनिट की ओटी को सुसज्जित कर इसे आरंभ कराया जाये। विडंबना ही कही जायेगी कि महेंद्र नारायण सूर्यवंशी के बाद जिला चिकित्सालय में पदस्थ रहे अधीक्षकों के द्वारा इसे आरंभ करवाने की पहल नहीं की गयी है। रही बात जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमएचओ डॉ.के.आर. शाक्य की तो उनके द्वारा मानो जिला चिकित्सालय को अपने दायित्वों की फेहरिस्त से बाहर ही कर दिया गया है।

एनएचएआई के द्वारा सिवनी से खवासा के सड़क भाग का निर्माण करा रही मेसर्स सदभाव इंजीनियरिंग कंपनी के साथ जो अनुबंध किया गया था उसमें सिवनी बायपास पर इसका निर्माण कराया जाना प्रस्तावित था। इसके लिये बकायदा जमीन भी चिन्हित कर ली गयी थी। इसका निर्माण क्यों नहीं कराया गया, इसके लिये सांसदों को लोकसभा में प्रश्न करना चाहिये था, पर लगभग नौ साल बीतने को हैं किन्तु किसी एक ने भी इस मामले को लोकसभा में गुंजायमान नहीं किया है।

राज्य शासन के द्वारा जिला चिकित्सालय में ट्रामा केयर यूनिट के लिये भवन का निर्माण तो करा दिया गया है किन्तु इसके लिये आवश्यक चिकित्सक और पेरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती के मामले में वह अब तक मौन है। जिले के चार विधायक भी इस मामले में मूक दर्शक ही बने बैठे हैं। पूर्व जिला कलेक्टर भरत यादव के द्वारा चिकित्सालय को लेकर कुछ पहल की गयी थी पर उनके तबादले के बाद पदस्थ रहे कलेक्टर धनराजू एस., गोपाल चंद्र डाड, प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे एवं सिवनी के विधायक दिनेश राय सहित वर्तमान जिलाधिकारी भी अनेक बार जिला चिकित्सालय का निरीक्षण तो कर चुके हैं पर अस्पताल की अव्यवस्थाएं पटरी पर नहीं आने के क्या मायने निकाले जायें . . .!

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