नदी, तालाब एवं झील में नहीं होगा मूर्तियों का विसर्जन

परंपरागत मिट्टी एवं प्राकृतिक रंगों के उपयोग से करें मूर्ति निर्माण

पीओपी या केमिकल पदार्थों से बनी मूर्ति  प्रतिबंधित

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली द्वारा मूर्ति विसर्जन के संबंध में जारी की गई गाईड लाईन एवं मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर के निर्देशों के परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री क्षितिज सिंघल ने आदेश जारी कर जिले में गणेशजी एवं दुर्गाजी की मूर्तियों का नदियों, तालाब एवं झीलों में विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया है एवं संबंधित अधिकारियों को आदेश का कड़ाई से पालन कराने निर्देश दिए गए हैं।

उक्त आदेशानुसार जिले में मूर्तियों एवं प्रतिमाओं के निर्माण में केवल प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्‍तेमाल किया जाएगा। मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही अपयोग किया जाए, पकी हुई मिट्टी, पीओपी (प्‍लास्‍टर ऑफ पेरिस) या किसी प्रकार के केमिकल एवं रासायनिक पदार्थों का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्तियों एवं प्रतिमाओं पर कलर हेतु केवल प्राकृतिक रंगों व गैर विषाक्‍त रंगों का इस्‍तेमाल किया जावे। किसी भी प्रकार के रासायनिक व विषाक्‍त रंगों का इस्‍तेमाल पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। जिले मे केवल परंपरागत मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं का ही निर्माण व विक्रय किया जा सकेगा। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्‍य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से बनाई जाने वाली प्रतिमाओं के निर्माण एवं बाहर से लाने या ले जाने को प्रतिबंधित किया गया है।

स्‍थानीय निकायों द्वारा भी इस संबंध में सत्‍यापन किया जाएगा। यदि परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्‍य रासायनिक पदार्थो से प्रतिमाओं के निर्माण का मामला प्रकाश में आता है, तो तत्‍काल स्‍थानीय निकाय द्वारा निर्मित प्रतिमाओं को अपने कब्‍जे में लेकर उनका निपटान नगरी ठोस अपशिष्‍ट नियम-2016 के प्रावधानों के अनुरूप किया जाएगा। पूजन सामग्री जैसे फल-फूल, नारियल, वस्‍त्र, सजावट के सामान, कागज एवं प्‍लास्टिक निर्मित वस्‍तुएं शामिल है, को मूर्तियों /प्रतिमाओं के विसर्जन के पूर्व निकालकर उन्‍हें अलग-अलग एकत्रित किया जावेगा तथा उक्‍त सामग्री का निपटान ठोस अपशिष्‍ट नियम -2016 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्‍य में स्‍थानीय निकायों द्वारा किया जाएगा। मूर्ति /प्रतिमा के विसर्जन के 24 घंटे के भीतर विसर्जित मूर्ति/ प्रतिमाओं से उत्‍पन्‍न ठोस अपशिष्‍ट जैसे बांस, रस्सी, मिट्टी, पीओपी, प्रतिमा के हिस्‍से आदि को एकत्रित कर उनका निपटारा नगरीय ठोस अपशिष्‍ट नियम -2016 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्‍य में स्‍थानीय निकायों द्वारा किया जावेगा।

यह आदेश 21 अगस्त 23 से 10 अक्टूबर 23 तक प्रभावशील होगा तथा इस अवधि में आदेश का उल्‍लंघन धारा 188 भारतीय दण्‍ड विधान अंतर्गत दण्‍डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।