फुटओवर ब्रिज निर्माण अधिवक्ता नवेदु मिश्र की याचिका पर मिला स्टे, कोर्ट ने जताई नाराजगी

आद्र भूमि नियमों 2017 की अनदेखी पर सरकार को लगाई फटकार

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। दलसागर मे हो रहे निर्माण कार्यों के विरुद्ध अधिवक्ता नवेदु मिश्र द्वारा लगाई गई याचिका मे स्टे पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के द्वारा सुनवाई की गई। इसके पूर्व दलसागर तालाब पर बन रहे फुट ओवर ब्रिज पर पिछली 20 अक्टूबर 2023 को सुनवाई की गई थी। जिसमे जिला कलेक्टर सिवनी के प्रतिनिधियों एवं मध्य प्रदेश पालूशन कंट्रोल बोर्ड के प्रतिनिधियों कि एक समिति बनाई गई थी।

 समिति कि रिपोर्ट मे नवेदु मिश्रा द्वारा लगाई गई आपत्ति के लगभग सभी बिंदुओं को माना गया। जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा सख्त रूख अपनाते हुए सरकारी विभागों पर काफी नाराजगी जाहीर की गई सरकारी वकील को सख्त लहजे मे सभी आद्र भूमि अधिनियम के नियम 4 के प्रावधान पढ़कर सुनाए गए और कहा गया कि जब आद्र भूमि मे एक ईट भी नहीं जोड़ी जा सकती वहाँ आप पिलर कैसे खड़े कर रहे है ? आद्र भूमि से जुड़ी किसी भी राज्य अथॉरिटी या राष्ट्रीय अथॉरिटी से आपके द्वारा अनुमति नहीं ली गई। जिन विभागों पर कानून लागू करने का भार है वही कानून तोड़ रहे है।

नगरपालिका सिवनी पर 4.80 करोड़ मुआवजा एवं आपराधिक मुकदमा दर्ज

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के पिछले निर्णय मे कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति को वस्तु स्थिति एवं कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे जिसकी रिपोर्ट 6 सप्ताह मे जमा कि जानी थी। कॉमेटी द्वारा दलसागर मे हो रहे निर्माण कार्यों कि जानकारी कोर्ट को गई साथ ही दलसागर मे नगर पालिका द्वारा छोड़े जा रहे नाले पर कार्यवाही करते हुए मध्य प्रदेश पालूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा 4 करोड़ 80 लाख का मुआवजा अधिरोपित किया गया और नगरपालिका सिवनी से जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही शहर मे नालों एवं नालियों के पानी के शोधन हेतु संयंत्र लगाने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही नगर पालिका सिवनी पर जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम की धारा 24, 25, 43 और 44 के अन्तर्गत आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है।

अशोधित पानी तालाबों, नालों एवं नदियों मे डाले जाने हेतु नगरपालिक को निर्देश

अभी तक नालों एवं नालियों का पानी स्थानीय बुधवारी तालाब, दलसागर एवं वैनगंगा नदी मे छोड़ा जाता है। ज्ञात हो कि सिवनीवासी भीमगढ़ का जल पीते है जिसमे शहर के सभी नाले और नालियों का पानी बिना शोधित किए जा रहा है। इसके परिणाम कैंसर, किड्नी फैल्यर जैसे अनेक रोगों के रूप मे हो सकते है। साथ ही तालाबों से भूमिगत जल भी भरता है। बुधवारी तालाब, मठ तालाब, मोती नाला मे भी नाले का पानी निरंतर डाला जा रहा है। इस मामले मे भी त्वरित प्रभाव से अशोधित पानी को किसी भी आद्र भूमि मे छोड़े जाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए।

आद्र भूमि नियम के अनुरूप अग्रिम कार्यवाही करने के दिए निर्देश

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के माननीय न्यायाधीश द्वारा मुख्य सचिव नगरीय प्रशासन विभाग मध्य प्रदेश सरकार, जिला दंडाधिकारी/कलेक्टर सिवनी, कमिश्नर, नगर पालिका परिषद सिवनी को भी आदेश कि कॉपी भेजते हुए आगामी सुनवाई के पूर्व इस मामले मे अवश्यक कार्यवाही आद्र भूमि नियम के अनुसार कर रिपोर्ट जमा करने हेतु आदेशित किया गया है। इस मामले मे सिवनी के दलसागर तालाब फुट ओवर ब्रिज निर्माण को रोकने की याचिका हेतु अधिवक्ता नवेंदु मिश्रा, अधिवक्ता अर्पित देशमुख, अधिवक्ता वर्षा ठाकरे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के न्यायालय मे उपस्थित हुए।