“वोकल फार लोकल” के आव्हान ने कुम्हारों के चेहरे की बढ़ाई रौनक

दिवाली के लिए मिट्टी के दीये, बर्तन एवं अन्य सजावटी सामान से सजे बाजार

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फार लोकल” स्वदेशी अपनाओ के किये गये आव्हान के बाद बाजारों में स्थानीय घरेलू उत्पादों का व्यवसाय बढ़ गया है, जिससे परंपरागत व्यवसाय करने वालों को काफी लाभ मिल रहा है।इसी परिपेक्ष्य में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा भी स्वदेशी अपनाओ के आव्हान से दीपावली पर धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मिट्टी के दीपक बनाने वाले कुम्हारों के चाक ने गति पकड ली है।

कुम्हारों द्वारा मिट्टी के दियों के साथ ही अन्य सजावटी एवं घरेलू सामान बनाए जा रहे हैं, जिन्हें लोगों द्वारा घरों को सजाने के ही उपयोगिता के हिसाब से क्रय किया जा रहा है। जिससे कुम्हार काफी प्रसन्नचित हैं। ऐसी ही सिवनी जिले की बरघाट निवासी श्रीमती संतोषी टेकचंद प्रजापति हैं, जो बताती हैं कि दीपावली पर्व को लेकर पूर्व से ही घर के सभी सदस्य मिट्टी के दिए एवं अन्य घरेलू उपयोग की चीजें बनाने लगते हैं। दीपावली, करवाचौथ जैसे त्यौहारों में दिए और करवा (मटकी) की अच्छी बिक्री होने से अच्छा लाभ प्राप्त होता है। श्रीमती संतोषी बताती हैं कि दीपावली के 3..4 दिन पूर्व से ही दीपावली के दिन तक जिला मुख्यालय स्थित मठ मंदिर सिवनी के पास समान विक्रय हेतु दुकान लगा लेते हैं। नगरीय क्षेत्र होने के कारण व्यवसाय अच्छा हो जाता है।