कंसलटेंट, ठेकेदार के खिलाफ होना चाहिये मामला दर्ज!

 

 

 

ठेकेदार ने दिया था गलत डिजाईन, विभाग ने कर दिया था एपू्रव!, छपारा गणेशगंज मार्ग में लगातार हो रहीं दुर्घटनाएं

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। छपारा से बंजारी घाट होते हुए गणेशगंज तक के मार्ग का निर्माण जब से करवाया गया है, इस मार्ग में दुर्घटनाओं की तादाद में जमकर इज़ाफा हुआ है। हाल ही में एक ट्रक विपरीत दिशा से जा रहे वाहन से जा टकराया जिससे चार लोग काल कलवित हो गये।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इसका मुख्य कारण इस सड़क में जितने भी मोड़ (कर्व) हैं उनकी गलत डिजाईन का ठेकेदार के द्वारा प्रस्तुत किया जाना है। इन डिजाईन्स का परीक्षण कराये बिना ही एनएचएआई के द्वारा इसे एप्रूव कर दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि छपारा से गणेशगंज वाले हिस्से में फोरलेन निर्माण के लिये रीवा की उदित इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को इंजीनियरिंग, प्रक्योरमेंट एण्ड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) के तहत दिया गया था। इसमें ठेकेदार कंपनी को ही सड़क की डिजाईन प्रस्तुत कर विभाग से उसे पास करवाकर काम करवाना होता है। सूत्रों बताया कि ईपीसी के तहत होने वाले निर्माण में देयकों का भुगतान भी लंप संप किया जाता है।

सूत्रों ने बताया कि जब इस सड़क के निर्माण के लिये उदित इंफ्रास्टक्चर कंपनी के द्वारा एनएचएआई को सड़क विशेषकर मोड़ों की डिजाईन दी गयी थी उस समय एनएचएआई के लिये कंसलटेंट का काम थीम कंसलटेंसी देख रही थी। ठेकेदार के द्वारा दिये गये डिजाईन्स का न तो कंसलटेंट के द्वारा परीक्षण करवाया गया था और न ही एनएचएआई के अधिकारियों ने ही इसकी जरूरत समझी।

सूत्रों ने यह भी बताया कि सड़क निर्माण के पूर्व तैयार किये जाने वाले डिजाईन में मोड़ों (कर्व्स) में ढाल (ग्रेडिएंट) का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। मोड़ पर वाहन तिरछे हो जाते हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए मोड़ों पर सड़कों को ढलान नुमा बनाया जाता है ताकि वाहन का संतुलन बना रहे।

सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिये हैं कि उदित इंफ्रास्टक्चर कंपनी का रसूख इतना बुलंद था कि छपारा से गणेशगंज तक के सड़क निर्माण के काम का अधीक्षण (निरीक्षण) करने की जहमत उस दौरान न तो कंसलटेंट के द्वारा उठायी गयी और न ही एनएचएआई के अधिकारियों के द्वारा ही इस दिशा में ध्यान नहीं दिया गया। छपारा से गणेशगंज मार्ग का फोरलेन निर्माण जब से कराया गया है उसके बाद से सड़क के इस हिस्से में दुर्घटनाएं ज्यादा ही हो रही हैं।

करायी जाये जाँच : जानकारों का कहना है कि खवासा से लखनादौन के बीच ऋुटिपूर्ण स्थानों को ब्लेक स्पॉट (जहाँ दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं) को चिन्हित किया जाकर इसकी जाँच लोक निर्माण विभाग और मध्य प्रदेश रोड डव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन के मुख्य तकनीकि परीक्षण का दल बनाकर जाँच करवायी जाकर इसके लिये दोषी अधिकारियों अथवा ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये जिला प्रशासन को कवायद करना चाहिये।