एक अदद क्रिकेट मैदान को तरसता सिवनी!

 

 

दो दशकों में एक अदद क्रिकेट स्टेडियम के लिये जमीन भी उपलब्ध नहीं करा पाया डीसीए!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सिवनी जिले को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है। इसके अलावा सिवनी से क्रिकेट, फुटबाल, बास्केटबाल, बैडमिंटन आदि के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी अपना जौहर दिखा चुके हैं। सिवनी में क्रिकेट को छोड़कर अन्य लगभग सभी विधाओं के लिये खेल के मैदान उपलब्ध हैं।

क्रिकेट से जुड़े लोगों का मानना है कि फुटबाल, हॉकी आदि खेलों के जिला स्तरीय संगठनों के द्वारा लगातार किये गये प्रयासों के कारण जिले में क्रिकेट को छोड़कर लगभग सभी खेलों के लिये मैदान, स्टेडियम उपलब्ध हैं, पर क्रिकेट के खिलाड़ियों को आज भी अमानक स्तर के मैदानों पर ही खेलने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है।

क्रिकेट की प्रतिभाओं के बीच चल रहीं चर्चाओं को अगर सही माना जाये तो जिला मुख्यालय में क्रिकेट के अभ्यास के लिये पॉलीटेक्निक मैदान ही इकलौता स्थान शेष रह गया है। इसके पहले होमगाडर््स मैदान को क्रिकेट का मैदान माना जाता था। इस मैदान पर अनेक स्पर्धाओं का आयोजन नब्बे के दशक तक किया जाता रहा है।

क्रिकेट से जुड़े पुराने खिलाड़ी बताते हैं कि जिला अस्पताल प्रांगण में जिस स्थान पर नर्सिंग प्रशिक्षण केंद्र का भवन तैयार किया गया है उस स्थान को होमगाडर््स मैदान के रूप में जाना जाता था। इस मैदान में साल भर क्रिकेट से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया जाता था।

नब्बे के दशक के उपरांत इस मैदान में क्रिकेट का खेल बंद करवा दिया गया था। इसके बाद पुलिस लाईंस में पीछे वाले हिस्से में क्रिकेट खेला जाता था। इतना ही नहीं इसके अलावा पॉलीटेक्निक कॉलेज़ के खेल के मैदान पर क्रिकेट की गतिविधियां संचालित की जाती रही हैं, पर यहाँ खेलने के लिये पॉलीटेक्निक प्रशासन की अनुमति की दरकार जरूरी है।

वहीं, जिला क्रिकेट संघ सिवनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस संघ को मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के द्वारा हर साल भारी मात्रा में राशि का आवंटन किया जाता है ताकि जिले में क्रिकेट की गतिविधियों का संचालन किया जाकर क्रिकेट की प्रतिभाओं को निखारा जा सके।

डीसीए के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 2009 में तत्कालीन जिलाधिकारी मनोहर दुबे के द्वारा पॉलीटेक्निक कॉलेज़ में आयोजित एक स्पर्धा के दौरान डीसीए के अध्यक्ष राज कुमार खुराना से कहा था कि वे क्रिकेट स्टेडियम के लिये जमीन की तलाश कर लें, प्रशासन उस जमीन को क्रिकेट स्टेडियम के लिये आवंटित कराने का प्रयास करेगा।

सूत्रों ने कहा कि विडंबना ही कही जायेगी कि लगभग दस साल बीत जाने के बाद भी डीसीए के द्वारा जिला मुख्यालय के आसपास क्रिकेट के लिये एक अदद स्टेडियम के लिये भूमि तक तलाश नहीं कर पाया। सूत्रों ने कहा कि प्रदेश में सरकार बदलने के बाद जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार खुराना से अपेक्षा थी कि उनके द्वारा क्रिकेट के खिलाड़ियों के लिये कम से कम एक स्टेडियम तो उपलब्ध करवा दिया जायेगा किन्तु सरकार बनने के बाद साल बीतने को आया पर इस मामले में प्रगति शून्य ही नज़र आ रही है।

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