रावे की छात्राओं की मॉनीटरिंग करने पहुंचा वैज्ञानिकों का दल

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। कृषि विज्ञान केंद्र में 06 माह का ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (रावे) कोर्स करने आए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा पिछले दो माह से किसानों के खेतों व कृषि विज्ञान केंद्र में प्रक्षेत्र में किए जा रहे तकनीकी कार्य छात्राओं द्वारा किए जा रहें हैं।

इसकी मॉनीटरिंग करने जबलपुर विश्वविद्यालय से आए कीट शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डांॅ एके भौमिक व मृदा विज्ञान विभाग के युवा वैज्ञानिक डांॅ अमित उपाध्याय ने गत दिवस कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में छात्र-छात्राओं से जानकारी प्राप्त की। इस दौरान छात्र-छात्राओं की दैनिक रिपोर्ट फाइल का अवलोकन कर किए गए कार्यों की जानकारी ली गई।

कार्यक्रम के प्रारंभ में मांॅ सरस्वती की पूजन व अतिथि वैज्ञानिकों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया। इसके उपरांत कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख डांॅ शेखर सिंह बघेल ने स्वागत भाषण दिया। डांॅ. बघेल ने रावे की छात्राओं द्वारा लगातार किए गए कार्याे की जानकारी वीडियों फिल्म के माध्यम से प्रदान की साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र में किए जा रहे कृषक हितैषी विभिन्न कार्याे की पावर पांॅईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी प्रदान की।

इस दौरान ख्याति प्राप्त कृषि कीट वैज्ञानिक व विभागाध्यक्ष डांॅ एके भौमिक ने छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बताया कृषि तकनीकी की सबसे महत्वपूर्ण पाठशाला है इसमें आप अपने सभी सैद्धांतिक कृषि ज्ञान का व्यवहारिक रुप में देख सकते हैं व उसका उपयोग कर सकते है। विशेषज्ञ वैज्ञानिकों से समय-समय पर जानकारी प्राप्त करें और अपने कृषि से संबंधित जिज्ञासा को एवं समस्याओं का समाधान आप प्राप्त कर सकती हैं।

कृषि तकनीकी की जानकारी डॉ. भौमिक ने मक्का फाल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को जीवांत प्रदर्शन व पावर पाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से छात्र-छात्राओं को बताया, सही समय व त्वरित किसानों को प्राप्त हो तो निश्चत रुप से किसान लाभान्वित होते है।

युवा मृदा वैज्ञानिक डांॅ. एके उपाध्याय ने बताया कि छात्र-छात्राएंॅ पढाई के दौरान सहीं एवं सटीक जानकारी चाहे वह फसलों, मृदा या पोषक तत्व से संबंधित हो प्राप्त करें और उसका व्यवहारिक रुप से कृषकों के प्रक्षेत्रों पर देखे। कृषि वैज्ञानिकों ने अवलोकन के दौरान क्रांॅप केफेटेरिया, पशुपालन ईकाई, एजोला इकाई, केंचुआ खाद उत्पादन इकाई, सोयाबीन बीज उत्पादन प्रक्षेत्र व धान के प्रक्षेत्र में निरीक्षण किया।

साथ ही छात्राओं द्वारा ग्राम छिडिया व पलारी में कृषकों के खेतों में जो प्रैक्टिकल ज्ञान रोजाना प्राप्त करती हैं व कृषकों के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं। इसका वैज्ञानिकों ने स्वयं जाकर अवलोकन किया व छात्र-छात्राओं द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की प्रत्येक रावे छात्रा द्वारा स्वयं के कार्याे की पूर्ण जानकारी व प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन चतुर्थ वर्ष की छात्रा निकिता तिवारी ने किया।