फिर सामने आई प्रशासनिक लापरवाही!

 

 

उफनती रही नदी, पुल पर पानी, फिर भी लोग करते रहे आवागमन!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। सावन लगभग सूखा जाने के बाद भादों में बदरा झमाझम बरस रहे हैं। बीते दिनों लगातार हो रही बारिश से बखारी क्षेत्र में नदी नाले उफान पर हैं। जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा बारिश में पुल, पुलिया, रपटों पर पानी होने की दशा में आवागमन रोकने के आदेश नाकाफी ही साबित हो रहे हैं। पुल पर पानी होने के बाद भी लोग जान हथेली पर रखकर पुल पार कर रहे हैं।

सोमवार और मंगलवार को हुई जमकर झमाझम के बाद बखारी, मुगवानी, बाघी आदि क्षेत्रों में नदी नालों में पानी की तादाद अधिक रही। आलम यह था कि क्षेत्र में पुल, पुलियों, रपटों पर पानी एक फिट से ज्यादा ऊॅचाई से बह रहा था। इन स्थानों पर किसी तरह के चेतावनी बोर्ड नहीं दिखाई दिए और न ही लोगों को रोकने के लिए ही कोई सरकारी नुमाईंदा नजर आया।

उल्लेखनीय होगा कि जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा पिछले माह के अंत में निर्देश जारी कर कहा था कि बारिश के मौसम में पुल, पुलियों, रपटों पर पानी होने की दशा में आवागमन पूरी तरह रोक दिया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने इन स्थानों पर रोशनी करने और बेरियर लगाने के निर्देश भी दिए थे।

बावजूद इसके जिले भर में उफनाती नदी, नालों के रपटों, पुल पुलियों पर लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते दिख जाते हैं। हाल ही में इस तरह के अनेक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद भी प्रशासन के द्वारा किसी तरह का संज्ञान न लिया जाना आश्चर्य जनक ही माना जा रहा है।

मुंगवानी और बाघी के ग्रामीणों की मानें तो सोमवार और मंगलवार को जमकर बारिश हुई इस दौरान वहां के पुल पर से पानी बहने लगा। पुल पर पानी ज्यादा होने के कारण लगभग ढाई तीन घंटे तक आवागमन पूरी तरह रूका रहा, किन्तु जब पानी का बहाव कम हुआ और पुल पर कम पानी बहने की स्थिति बनी तो लोगों ने जान हथेली पर रखकर यहां से पुल पार करना आरंभ कर दिया।

ग्रामीणों की मानें तो पुल पर से जोखिम उठाकर पुल पार करने के लिए अनेक लोगों के द्वारा रोके जाने पर भी शाम ढलने के कारण विद्यार्थियों और अन्य ग्रामीणों ने इन लोगों की बातों पर ध्यान न दिया जाकर पुल को पार करना आरंभ कर दिया। यह तो गनीमत थी कि इस दौरान किसी तरह की दुर्घटना नहीं घटी।

ग्रामीणों के अनुसार गांव के दर्जनों बच्चे जाम के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सहित जिला मुख्यालय के विद्यालयों और महाविद्यालयों में अध्ययन के लिए जाते हैं। सुबह जब विद्यार्थी घर से निकले तब पुल पर से पानी नहीं बह रहा था, किन्तु शाम दोपहर बाद हालात बदल गए।

उन्होंने बताया कि घर जाने की जुगत में विद्यार्थी परेशान होते दिखे। जैसे जैसे पुल पर पानी कम हुआ वैसे वैसे विद्यार्थियों सहित ग्रामीणों ने और अधिक इंतजार न करते हुए पुल को पार करना आरंभ कर दिया। इसी दौरान बड़े यात्री वाहन और अन्य वाहन भी यहां से गुजरने लगे, जिससे पानी में जमकर हिलोरें भी उठती दिखीं।

ग्रामीणों के अनुसार इस पुल का उपयोग करके मारबोड़ी, मुंगवानी, छिंदग्वार, चंदौरी, सागर, मुंगवानी खुर्द आदि अनेक ग्रामों के विद्यार्थी आना जाना करते हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान पुल के दोनों ओर न तो बेरियर थे और न ही वहां कोई सरकारी नुमाईंदा ही इन्हें रोकने नजर आ रहा था।

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