उस दौर में थम जाती थी सुबह साढ़े नौ बजे जिंदगी
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। कोरोना महामारी के चलते देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन देखा। लेकिन इस जनता कर्फ्यू जैसा ही नजारा रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण के प्रसारण के समय हुआ करता था। रविवार को सुबह जब 9.30 बजे इस धारावाहिक का प्रसारण शुरू होता था तो बसों के पहिए थम जाया करते थे।
टेलीविजन सेट चंद घरों में ही हुआ करते थे, आसपास के लोग जूते-चप्पल उतारकर टीवी के सामने बैठ जाया करते थे। शो शुरू होने के पहले टीवी को फूलों की माला पहनाई जाती थी। सन 1987-88 के दौर में रामायण प्रसारण के समय पूरा देश लॉकडाउन हो जाया करता था। आज भी जब भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान या रावण की छवि जेहन में आती है तो दर्शकों को इस धारावाहिक के किरदार ही याद आते हैं।
21 दिन के लॉकडाउन के बीच शनिवार से दूरदर्शन पर फिर से इसी रामायण का प्रसारण किया जा रहा है। 32 साल पहले आने वाले इस धारावहिक के आने के समय ग्वालियर भी थम जाया करता था। सडकों पर पूरी तरह वीराना हुआ करता था और दर्शक 15 मिनट पहले ही श्रृद्धा भाव के साथ टेलीविजन के सामने बैठ जाया करते थे।
25 जुलाई 1987 से शुरू हुआ प्रसारण, मिली रिकॉर्ड व्यूअरशिप
रामायण का प्रसारण दूरदर्शन पर 25 जुलाई 1987 से शुरू हुआ था। इसके कुल 78 एपिसोड बनाए गए थे। सोमवार से गुरुवार तक इसकी शूटिंग हुआ करती थी और शुक्रवार को फाइनल एडिटिंग के बाद एपिसोड तैयार होता था। इसका प्रसारण 31 जुलाई 1988 तक चला। गूगल से मिली जानकारी के अनुसार रामायण धारावाहिक की व्यूअरशिप 82 फीसदी थी जो किसी और सीरियल को नसीब नहीं हुई। इसके हर एपिसोड से दूरदर्शन लगभग 40 लाख रुपए की कमाई करता था।
जीवन से जुड़ गए किरदार
रामायण में राम की भूमिका अरुण गोविल, रावण की अरविंद त्रिवेदी, हनुमान की दारा सिंह, सीता की दीपिका चित्रलेखा और लक्ष्मण की भूमिका सुनील लहरी ने निभाई थी। इन किरदारों का कलाकारों के असल जीवन पर इतना गहरा असर पडा कि दर्शक उन्हें इसी नाम से संबोधित करने लगे। इस बात को तमाम इंटरव्यूज में सभी कलाकारों ने माना है।
उन्होंने बताया कि किस तरह लोग उन्हें भगवान मानकर पैर छूने लगते थे। कई रिपोर्ट के अनुसार इन किरदारों का असर यह भी हुआ कि अरुण गोविल को दर्शकों ने राम के अतिरिक्त किसी दूसरे किरदार में स्वीकार भी नहीं किया और इसके बाद उनका कॅरियर ढलान पर चला गया। हालांकि इसके बाद अन्य किरदार रामायण को लेकर स्क्रीन पर आए, मगर उन्हें दर्शकों ने स्वीकार नहीं किया।

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