खुले में फिक रहा बायो मेडिकल वेस्ट!

 

 

सीएमएचओ का नहीं रह गया विभाग पर नियंत्रण!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिले भर में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर चुकी हैं। जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा लोकसभा चुनावों के बाद से ही स्वास्थ्य सेवाओं को अपने रडार पर रखा है, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की झींगा मस्ती के चलते स्वास्थ्य सुविधाएं सुधर नहीं पा रही हैं।

जिले भर में कितने चिकित्सक नियमानुसार चिकित्सा के लिए पात्र हैं इस बारे में चार पांच बार सरकारी स्तर पर विज्ञप्तियों को जारी करने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय मौन हो जाता है। नागपुर से आकर नियमों को जेब में रखकर चिकित्सक मरीजों की जेबें तराश रहे हैं और सीएमएचओ कार्यालय हाथ पर हाथ रखे बैठा ही दिखता है।

इसी तरह जिले भर में संचालित होने वाले निजि क्लीनिक्स एवं अस्पतालों से रोज निकलने वाला बायोमेडिकल वेस्ट खुले में फेंक दिया जा रहा है। इस बारे में कार्यवाही करने की फुर्सत भी सीएमएचओ कार्यालय को नहीं मिल पा रही है। कमोबेश हर अस्पताल या दवाखाने को सीसीटीवी की जद में रखा गया है। सीसीटीवी देखकर इस बात की तसदीक की जा सकती है कि बायो मेडिकल वेस्ट को किसके द्वारा कहां ले जाकर निष्पादित किया जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल सहित जिले भर के सरकारी अस्पतालों के अलावा निजि अस्पतालों और क्लीनिक्स से रोज निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को या तो कचरा गाड़ी में डाल दिया जा रहा है या नाले नालियों में बहा दिया जा रहा है, जिससे संक्रमण की संभावनाएं बलवती हो रही हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा में निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट को तहसील कार्यालय के पास से बहने वाले नाले में ही असुरक्षित तरीके से बहा दिया जा रहा है। यह नाला आगे जाकर पुण्य सलिला बैनगंगा में मिलता है। इस तरह के दृश्य पूरे जिले में आसानी से देखने को मिल जाते हैं।

जानकारों का कहना है कि जिले भर में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से संचालित हों इसकी जवाबदेही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ् य अधिकारी पर आहूत होती हैं, किन्तु जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का आलम देखकर इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि सीएमएचओ के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग किस मुस्तैदी के साथ काम कर रहा है।