क्या कीटाणु मुक्त हैं ऑपरेशन के दौरान पहने जाने वाले कपड़े!
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। जिलाधिकारी प्रवीण सिंह भले ही लगभग 11 माह से जिला अस्पताल की सूरत को बदलने के प्रयास कर रहे हों पर इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय की सीरत अब भी पहले की तरह ही नहीं वरन पहले से बदतर ही नज़र आ रही है। मरीज़ों को दिये जाने वाले कंबल और अन्य वस्त्र संक्रमण से मुक्त शायद नहीं हो पा रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अस्पताल प्रशासन के द्वारा जिलाधिकारी प्रवीण सिंह को पूरी तरह साध लिया गया है। इसका कारण यह है कि जब भी उनके द्वारा जब भी अस्पताल का निरीक्षण किया जाता है तब जिलाधिकारी को उन स्थानों से दूर ही रखा जाता है जहाँ गड़बड़ियां हैं।
सूत्रों ने बताया कि जिला अस्पताल को फाइव स्टार होटल में तब्दील करवाने में अस्पताल प्रशासन के द्वारा अपनी पूरी ताकत झोंक दी गयी है। अस्पताल प्रशासन के द्वारा सात आठ ऑपरेशन थियेटर होने के बाद भी ट्रामा केयर यूनिट भवन जहाँ पहले से ही ऑपरेशन थियेटर बनाये गये थे, वहाँ भी जबरन ही मॉड्यूलर ओटी का निर्माण करा दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि जिला चिकित्सालय में सर्जन्स की पद स्थापना के बाद भी हॉर्निया और प्रसव के दौरान होने वाली शल्य क्रियाओं के अलावा अन्य शल्य क्रियाएं की ही नहीं जाती हैं। जब भी कोई गंभीर मरीज़ आता है तो उसे नागपुर या जबलपुर रेफर करने में ही प्रशासन ज्यादा दिलचस्पी लेता दिखता है।
सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में मरीज़ों को दिये जाने वाले कंबल बुरी तरह फट (चित्र में तीर देखें) चुके हैं। इतना ही नहीं इन्हें धोकर सुखाने के लिये सीएमएचओ कार्यालय के पास पड़ी गंदगी के आसपास की जगह का ही प्रयोग किया जाता है। गंदी जगह वाली जमीन पर ये कंबल अगर संक्रमित हो रहे हों तो किसी को आश्चर्य नही होना चाहिये।
सूत्रों ने आगे कहा कि इसके अलावा ऑपरेशन के दौरान चिकित्सकों के द्वारा पहना जाने वाला हरे रंग का एप्रिन भी कचरे के ढेर के पास ही (चित्र में देखें) सूखते साफ दिखायी दे रहे है। कचरे के आसपास सूखते इन कपड़ों के संक्रमित होने की संभावनाओं पर किसी के द्वारा भी विचार नहीं किया जाना आश्चर्य जनक ही माना जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि जिला अस्पताल को कायाकल्प अभियान के तहत पहले चरण में प्रदेश में छटवंे स्थान पर लाने में तो प्रशासन सफल रहा लेकिन, दूसरे चरण के निरीक्षण के दौरान एसएनसीयू वार्ड में चीटिंयां दिखायी देना गंभीर मामला है, पर इस मामले में अब तक अस्पताल प्रशासन के द्वारा अथवा सीएमएचओ के द्वारा किसी तरह का एक्शन न लिया जाना भी अपने आप में लापरवाही की हद माना जा सकता है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.