नाव की सवारी गांठ शाला जाना है मजबूरी!

 

 

घंसौर क्षेत्र में सरकार से लगायीं सारी गुहारें हो गयीं व्यर्थ!

(ब्यूरो कार्यालय)

घंसौर (साई)। जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर क्षेत्र में एक गाँव के बच्चों को शिक्षा अर्जन करने के लिये रोज गहरे पानी के बीच नाव की सवारी गांठने पर मजबूर होना पड़ता है। क्षेत्रीय लोगों के द्वारा लगातार ही सरकार का ध्यान आकर्षित कराया गया किन्तु नतीजा अब तक सिफर ही रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार घंसौर तहसील के बीजासेन गाँव के विद्यार्थी हाई स्कूल में अध्ययन करने के लिये बरगी बांध की विपुल जलराशि के बीच नाव पर सवार होकर आने – जाने पर मजबूर हैं। बीजासेन गाँव बरगी बांध के डूब क्षेत्र में आने के बाद भी यहाँ सरकारी इमदाद ऊँट के मुँह में जीरे के मानिंद ही हैं।

लोगों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बीजासेन गाँव दरअसल, बरगी बांध की अकूत जलराशि से घिरा हुआ है। यहाँ आने – जाने के लिये नाव के अलावा दूसरा कोई वैकल्पिक साधन नहीं है। सालों से यहाँ के निवासियों ने अपनी दुर्दशा पर स्थानीय जन प्रतिनिधियों सहित सरकार के नुमाईंदों से गुहार लगायी पर सब व्यर्थ ही रहा।

नागरिकों का कहना था कि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरा करने के लिये नाव से ही आना – जाना करते हैं, पर प्राथमिक शाला के बाद अध्ययन के लिये विद्यार्थियों को नाव की सवारी गांठने पर मजबूर होना पड़ता है। इस मामले में सिवनी जिले के सांसद, विधायकों ने भी अब तक किसी तरह की पहल नहीं की है।

ग्रामीणों के अनुसार बीजासने गाँव में प्राथमिक शाला है। यहाँ की आबादी बढ़ने के बाद भी इस शाला का उन्नयन अब तक नहीं किया गया है। इसके चलते हाई स्कूल की शिक्षा ग्रहण करने के लिये यहाँ के बच्चों को लगभग पाँच किलोमीटर का रास्ता नाव से तय करने पर मजबूर होना पड़ता है।