रविदास वाणी से होगा देश का उद्धार : चौधरी

 

रविदास समाज सम्मेलन में पहंुचे हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरूष

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। आज से 600 साल पहले संत रविदास महाराज ने देश में लागू भेदभाव, असमानता, नफरत आदि की दर्दनाक दशा को देखकर कहा था कि देश की ऐसी दुर्गति अत्यंत दुखदायी है। देश को एकसूत्र में बांधने के लिये समानता और सद्भाव की जरूरत है।

उक्ताशय के विचार गत दिवस नगर के स्मृति लॉन में आयोजित संत रविदास समाज सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे समाज के विद्वान एवं शहडोल जिला के आबकारी अधिकारी एस.सी. चौधरी ने व्यक्त किये। आपने कहा कि संत रविदास की वाणी ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सबन को अन्न। राजा प्रजा सम बसे, रविदास रहें प्रसन्न।। रविदास जी की इस वाणी से ही देश का उद्धार होगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भोपाल के अपर कलेक्टर एन.एस. ब्रम्हे ने अपने संबोधन में बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के सिद्धांतों को अपनाने और संविधान के अनुसार चलने की अपील की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये एस.सी. चौधरी ने आगे कहा कि समाज को एकजुट होकर सामाजिक बुराईयां जैसे शराबखोरी, दुर्व्यवसन आदि को त्याकर सुसंस्कार को अपनाना होगा। आज समाज में बड़ी संख्या में लोग शिक्षा और संस्कार को अपना रहे हैं। यह समाज के लिये स्वर्णिम भविष्य का संकेत है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भिलाई से आये उद्योगपति प्रकाश महोबिया ने बताया कि हमारे समाज को दूसरे की आलोचना में अपना समय नष्ट नहीं करना चाहिये, क्योंकि मेहनत ही सफलता की कुंजी है। वर्तमान समय में शिक्षा और उद्योग धंधे किसी भी समाज के विकास की गारंटी है। हमारे समाज को भी इस ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

नागपुर से आये बौद्ध विद्वान महानाम भंते ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार रविदास समाज को इतनी बड़ी संख्या में संगठित होकर तथागत गौतम बुद्ध, संत रविदास जी और डॉ. अम्बेडकर के विचारों को अपनाते हुये देखा।

इस अवसर पर संत रविदास शिक्षा मिशन के संरक्षक डॉ. देशभरतार ने इस विशाल कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की। संत रविदास समाज संघ सिवनी एवं रविदास शिक्षा मिशन के अध्यक्ष रघुवीर अहरवाल ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा शेरनी का दूध है, हमें लेने वाला नहीं देने वाला समाज का निर्माण करना है, क्योंकि देने वाले का हाथ ऊंचा होता है।

धारना से आईं श्रीमती गीता सोनवरसे ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में बड़ी संख्या में आई महिलाआंे को समझाया कि जितना ध्यान आप लोग पाखण्ड और अंधविश्वास में देती हैं उतना ध्यान अपने बच्चों की शिक्षा में दें तो आपके परिवार का उद्धार होगा। श्रीमती सोनवरसे ने आगे कहा कि बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर, संत रविदास और तथागत गौतम बुद्ध की ंिशक्षाओं को अपनाने से ही देश और समाज का भला होगा।

कार्यक्रम का शुभारंभ संत रविदास महाराज, बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के छायाचित्र में माल्यार्पण करने के साथ हुआ। बरघाट की कुमारी शिवानी सिंगोरे ने स्वागत गीत में बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर और संत रविदास की शिक्षाओं का ऐसा उल्लेख किया कि पूरा लॉन तालियों से गूंज उठा। जिले के इतिहास में सबसे कमजोर वर्ग के समाज ने हजारों की संख्या में उपस्थित होकर नयी ऊर्जा का संचार किया।

इस अवसर पर कक्षा दसवीं और बारहवीं में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करने वाले बच्चों को बेहतरीन पुरस्कार दिया गया। इस कार्यक्रम को संतराम बकोड़े, एड. जुगलकिशोर नंदोरे, टीकाराम चौधरी, किशनलाल टांडेकर, एड. आर.के. जम्भोरे, एड. आर.एस. टांडेकर, एड. मनोज कनोजिया, समाजसेवी संजय चौधरी, चौतराम बकोड़े, प्रो. सुरेश कुमार अहरवार, राजेश बकोड़े, कमलेश परिहार आदि ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में खुमान सिंह महोबिया, माखनलाल अहरवाल, संतलाल अहरवाल, नाथूराम अहरवाल, झाड़ूलाल अहरवाल, राजू लुधियाने, रामाधार अहरवाल, बाराती लाल चौधरी, कैलाश महोबिया, ज्ञानीलाल अहरवाल, अशोक बकोड़े, संजय कमलेशिया, प्रकाश अहरवाल, अरविंद बाघ्या, मनोज बकोड़े, डॉ. मुरारीलाल कनोजिया, अरविंद चौधरी आदि का सहयोग उल्लेखनीय रहा।