सीताफल के मामले में छपारा की है अलग पहचान

 

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। सीताफल का नाम आते ही देश प्रदेश में छपारा का अक्स लोगों के जहन में उभर जाता है। छपारा क्षेत्र में होने वाले सीताफल की माँग देश भर में है। यहाँ का फल बहुत बड़ा और मीठा होता है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा छपारा में सीताफल प्रोसेसिंग यूनिट की घोषणा की गयी थी, पर अब तक यह घोषणा मूर्त रूप नहीं ले पायी है।

छपारा विकासखण्ड के भूतबंधानी गाँव का सीताफल अब मुख्यालय सहित महानगरों में पहचान बना चुका है। यूपी में सबसे ज्यादा इस गाँव के सीतफल की माँग है। हर साल यहाँ यूपी के व्यापारी फल खरीदने पहुँच रहे हैं। यूपी के अलावा अन्य महानगरों में भी बड़ी मात्रा में सीताफल की सप्लाई की जाती है। यूपी में इस गाँव का सीताफल एक हजार से 15 सौ रुपये दर्जन के हिसाब से बिक रहा है।

हर दिन 20 टन का कारोबार : उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, मथुरा, कानपुर, लखनऊ, आगरा के अलावा दिल्ली नागपुर और जबलपुर में इस गाँव के सीताफल की माँग ज्यादा है। हर दिन इस गाँव से लगभग 20 टन सीताफल इन महानगरों में क्षेत्रीय व्यापारियों द्वारा भेजा जाता है। आकार में बड़ा और बेहद मीठा होने के कारण यहाँ के सीताफल को लेने दूर-दूर से व्यापारी पहुँच रहे हैं। बंधानी गाँव में हर दिन व्यापारी यहाँ के फल खरीदने आ रहे हैं।

एक सीजन में होती है करोड़ों की बिक्री : बंधानी गाँव के अलावा छपारा क्षेत्र के नयेगाँव, मुण्डरई, जामुनटोला गोहल्ला, रामगढ़, बखारी और कोन्ड्रा आदि गाँव में सीताफल की फसल ज्यादा होती है। एक सीजन में लगभग 08 से 10 करोड़ का सीताफल महानगरों में भेजा जाता है। स्थानीय ग्रामीण सीताफल तोड़कर गाँव में एकत्रित होते हैं। यहीं क्षेत्रीय और बाहर से आने वाले व्यापारी इस फल को खरीदकर महानगरों की ओर भेजते हैं।

दिल्ली के आज़ादपुर में स्थित एशिया की सबसे बड़ी फल मण्डी में बंधानी और इसके आसपास के गाँव के सीताफल ऊँचे दामों पर बिकते हैं। क्षेत्रीय व्यापारी गाँव से फल खरीदकर इसी मण्डी में जाकर ऊँचे दामों में बेचते हैं। यहाँ अच्छे और बड़े आकार का एक फल डेढ़ से दो सौ रुपये में बेचा जाता है।

बाहर के व्यापारियों को लाभ : बंधानी गाँव के ग्रामीणों से सीताफल खरीदकर व्यापारी पाँच गुना से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। बड़े आकार के 50 सीताफलों से भरा एक टोकना व्यापारी एक हजार रुपये में खरीदते हैं। इस दर से खरीदने पर व्यापारी को एक फल 20 रुपये में पड़ता है। वहीं वे इसे 100 से 200 रुपये के भाव से महानगरों में बेचते हैं। इस तरह व्यापारी, सीताफल के एक सीजन में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।