पालिका की झींगामस्ती से नागरिक हलाकान!

 

 

बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे नागरिक, काँग्रेस-भाजपा मौन!

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। भारतीय जनता पार्टी शासित नगर पालिका के कदम तालों से आम नागरिक बुरी तरह परेशान ही नज़र आ रहा है। चारों ओर अराजकता की स्थिति बनी हुई है, आवारा मवेशी जहाँ – तहाँ घूम रहे हैं। आवारा श्वान लोगों को दौड़ा रहे हैं। मच्छरों की फौज से लोग हलाकान हैं, पर पालिका के चुने हुए प्रतिनिधि और मुख्य नगर पालिका अधिकारी नीरो की मानिंद चैन की बंसी बजाते दिख रहे हैं।

शहर का शायद ही कोई एसा हिस्सा होगा जहाँ आवारा मवेशी स्वच्छंद विचरण करते न दिखते हों। बारिश के समय लोगों के प्रतिष्ठानों के सामने बने शेड में ये पशु रात को आराम फरमाते हैं और सुबह होते ही वहाँ मल त्यागकर गंदगी फैला देते हैं। सुबह जब प्रतिष्ठान के संचालक आते हैं तो उन्हें पशुओं के गोबर आदि को साफ करना पड़ता है।

इसके अलावा स्थान – स्थान पर आवारा सूअरों ने नाक में दम किया हुआ है। नालियों के बाजू में पड़ी गंदगी को इन सूअरों के द्वारा नालियों में वापस ढकेल दिया जाता है जिससे नालियां चोक हो रही हैं। खुले पड़े प्लाट्स में आवारा सूअरों ने अपना प्रसव केंद्र बना लिया है।

लंबे समय से शहर के नागरिक मच्छरों की समस्या से जूझ रहे हैं। मुख्य नगर पालिका अधिकारी का ध्यान इस ओर नहीं दिख रहा है। शहर में फॉगिंग मशीन न चलने के कारण मच्छरों ने लोगों की नाक में दम कर रखा है। जब ज्यादा शोर शराबा होता है तब अवश्य ही एकाध दिन फॉगिंग मशीन का शोर सुनायी दे जाता है।

शहर में रिक्त पड़े भूखण्डों में पानी जमा हो रहा है और बारिश के मौसम में गाजर घास जिस तेजी से बढ़ रही है उसे लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा भी मण्डराता दिख रहा है। रिक्त भूखण्ड में जमा पानी में मच्छरों के अलावा विषैले जीव जंतुओं की पदचाप भी सुनी जा सकती है।

इस सबके अलावा बारिश में आवारा श्वान लोगों के गले की फांस बन रहे हैं। हाल ही में आवारा श्वानों को पकड़ने के लिये अभियान का श्रीगणेश किया गया है, किन्तु पालिका के द्वारा आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया जा रहा है कि अब तक उसके द्वारा कितने श्वानों को पकड़ा गया और उन्हें कहाँ छोड़ा गया।

शहर का शायद ही कोई ऐसा भाग हो जहाँ आवारा श्वानों की आवाजें लोगों को भयाक्रांत न कर रही हों। शहर के कमोबेश हर नाके पर आवारा कुत्तों की फौज घूमते देखी जा सकती है। माना जाता है कि बारिश का मौसम इन श्वानों का प्रजनन काल होता है। इस दौरान श्वान हिंसक भी हो उठते हैं।

शहर में नालियां और नाले गंदगी से बजबजा रहे हैं। नाले, नालियों से उठने वाली असहनीय दुर्गंध भी लोगों के लिये परेशानी का सबब ही बन रही है। पिछले दिनों हुई बारिश में भी ये नालियां अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हो पायी हैं। लोग अब झमाझम बारिश का ही इंतजार कर रहे हैं ताकि पानी गिरे और पानी के तेज बहाव में नालियां साफ हो जायें।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि इस साल के अंत में स्थानीय निकाय चुनाव हो सकते हैं। नगर पालिका के चुनावों में अब महज़ चार माह का समय शेष बचा है इसके बाद भी प्रदेश में सत्तारूढ़ और पालिका में विपक्ष में बैठने वाली काँग्रेस तथा प्रदेश में विपक्ष और पालिका में सत्तारूढ़ काँग्रेस के द्वारा इस दिशा में किसी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है।

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