सीएमएचओ को नहीं पता कितने हैं वैध चिकित्सक!

 

 

बार बार गीदड़ भभकी के बाद भी अब तक नहीं बन पाई सूची!

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। साल में कम से कम दो बार जिले के चिकित्सकों और चिकित्सालयों को अपने अपने दस्तावेज जमा कराने की सूचना देने वाले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को यह भी नहीं पता है कि जिले में कितने चिकित्सक और चिकित्सालय वैध हैं!

जी हां, यह सच है। इस बारे में समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के द्वारा जब प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.सी. मेश्राम से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। इस मामले में प्रभारी लिपिक एस.के. खरे से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने इसका खुलासा किया।

प्रभारी लिपिक एस.के. खरे ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि चिकित्सकों के द्वारा ऑन लाईन पंजीयन कराया जाता है इसलिए सीएमएचओ कार्यालय में इसकी एकजाई जानकारी मिलना मुश्किल है। जब उनसे यह पूछा गया कि सीएमएचओ के हवाले से जारी विज्ञप्ति में सारे दस्तावेज सीएमएचओ कार्यालय में निश्चित समयावधि में जारी करने की बात बार बार कही जाती है! इस पर वे मौन हो गए।

उन्होंने बताया कि उनके पास पंजी में लगभग साठ पेज में इस तरह की जानकारी है। हर पेज पर दो चिकित्सकों का पूरा ब्यौरा दर्ज है। उन्होंने कहा कि लगभग चार दर्जन (45) चिकित्सकों के द्वारा दस्तावेज जमा करवाए गए हैं। शनिवार को उन्होंने कहा कि वे चार बजे तक अद्यतन सूची मुहैया करवा देंगे।

शनिवार को शाम चार बजे जब समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि उनसे सूची लेने पहुंचे तो काफी देर तक वे सीएमएचओ डॉ. मेश्राम के साथ उनके कक्ष में रहे, बाद में जब वे बाहर निकले तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कह दिया कि उनके द्वारा सूची नहीं दी जा सकती है क्योंकि सीएमएचओ के द्वारा इस तरह की सूची देने से साफ इंकार कर दिया गया है।

ज्ञातव्य है कि प्रभारी सीएमएचओ डॉ. के.सी. मेश्राम ने जबसे प्रभार संभाला है उसके बाद से उनके हवाले से कम से कम चार बार इस आशय की सरकारी विज्ञप्ति जारी हो चुकी है जिसमें उनके द्वारा जिले में हर पैथी से लोगों का इलाज करने वाले सरकारी और निजि चिकित्सकों से उनके दस्तावेज सीएमएचओ कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए जाने की बात कही गई थी।

सीएमएचओ कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा चिकित्सकों के साथ बैठक में मोबाईल पर अस्पताल के समय में सरकारी चिकित्सकों के द्वारा अपने अपने दवाखानों में इलाज करने के प्रमाण दिए जाने के बाद सीएमएचओ को निर्देशित किया था कि एक पखवाड़े में व्यवस्थाएं दुरूस्त कर लें वरना वे (जिलाधिकारी) इस मामले में छापामारी करेंगे। हालात देखकर यही लग रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा जिलाधिकारी के निर्देशों को भी तवज्जो नहीं दी जा रही है।