भाजपा शासित पालिका में बौने नज़र आ रहे काँग्रेस के क्षत्रप!

 

 

जिला काँग्रेस अध्यक्ष के भांजे को पटकने वाले साण्ड ने फिर गिराया एक व्यक्ति को!

(सादिक खान)

सिवनी (साई)। प्रदेश में काँग्रेस की सरकार बने दस माह से अधिक समय होने के बाद भी भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के सामने काँग्रेस के जिला स्तरीय क्षत्रप बौने ही नज़र आ रहे हैं। आलम यह है कि शहर से आवारा पशुओं को न हटा पाने के मामले में भी काँग्रेस के नेता भाजपा शासित पालिका को घेरने में पूरी तरह असफल ही दिख रहे हैं।

ज्ञातव्य है कि 18 अक्टूबर को जिला काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज कुमार खुराना के भांजे एवं सीमेंट लोहा व्यापारी इंजीनियर उदित कपूर को बाहुबली चौराहा पर एक आवारा साण्ड ने उठाकर पटक दिया था। इसके बाद उक्त साण्ड के द्वारा उसी दिन अनेक लोगों को दौड़ाया भी गया था।

बताया जाता है कि गत दिवस पुलिस अधीक्षक निवास के पास दो पहिया वाहन से जा रहे पेंच नेशनल पार्क में एक रिसोर्ट के कर्मचारी को टक्कर मारकर गिरा दिया गया था। इसके बाद चिकित्सकों के द्वारा उक्त कर्मचारी को सीटी स्केन की सलाह भी दी गयी थी। वर्तमान में पेंच नेशनल पार्क में पर्यटन का सीजन चरम पर है, जिसके चलते उक्त कर्मचारी को सिवनी से किसी तरह रिसोर्ट जाकर काम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि 04 अक्टूबर को सांसद डॉ.ढाल सिंह बिसेन की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी प्रवीण सिंह के द्वारा नगर पालिका परिषद को स्पष्ट निर्देश दिये गये थे कि छः दिन में ट्रैफिक सिग्नल आरंभ हो जाना चाहिये, जो अब तक बंद हैं। इसके साथ ही साथ उन्होंने शहर में घूम रहे आवारा जानवरों को भी शहर से बाहर करने के निर्देश दिये थे।

नगर पालिका के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि काँग्रेस के नेताओं को भाजपा शासित नगर पालिका परिषद के द्वारा जमकर उपकृत किया जा रहा है, संभवतः यही कारण है कि काँग्रेस के पदाधिकारियों के द्वारा नगर पालिका के खिलाफ शंखनाद करने में हीला हवाला ही किया जा रहा है।

सूत्रों का कहना था कि जब भी ज्यादा शोर शराबा होता है तो काँग्रेस के पदाधिकारियों के द्वारा खतो खिताब की सियासत कर मामले को ठण्डे बस्ते के हवाले कर दिया जाता है। अगर कोई कार्यकर्त्ता इस संबंध में आवाज बुलंद करता है तो उसे यह कहकर शांत करवा दिया जाता है कि चार महीने पहले नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के हाथ में पत्र दिया था, अब कार्यवाही नहीं हो पा रही तो क्या कर सकते हैं!