(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। राष्ट्रवाद ही वह भावना थी जिसने देश की आजादी के लिए लोगों को अपना सर्वस्व निछावर करने के लिए प्रेरित किया। यह वह लोग थे जिन्होंने अपने जीवन के आभाव को दरकिनार कर सिर्फ इस वतन को गुलामी से मुक्ति के लिए संघर्ष किया। ऐसे लोगों ने सिर्फ यही सपना देखा था कि देश आजाद होगा तो उन्हें गरीबी, अभाव और पिछड़ेपन से मुक्ति मिलेगी।
इस आशय की बात वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक श्री नरेश दिवाकर द्वारा कही गयी। आपने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य से लोगों का यह सपना उस राजनीतिक दल ने अपने पैरों तले रोंद दिया जिसने आजादी का श्रेय स्वयं लिया और सत्ता को अपने सुख का साधन बना लिया।
श्री दिवाकर ने कहा कि काँग्रेस की देशभक्ति पर कोई और प्रश्न खड़ा नहीं कर रहा बल्कि, स्वयं काँग्रेस की नीतियां, उसके कार्य और घोषणाएं उसकी देशभक्ति पर एक प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही हैं। जब कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े हो यह तो यह प्रश्न उठेगा ही। जब कोई सैनिकों के मनोबल को गिराने की बात करेगा तो यह प्रश्न उठेगा ही। जब कोई सैनिकों से उसके शौर्य के सबूत मांगेगा तो यह प्रश्न उठेगा ही।
श्री दिवाकर ने कहा कि जब कोई देश के तिरंगे को जलाने की इजाजत देने, तिरंगे को अपने पैरों तले रोंदने, हिंदुस्तान मुर्दाबाद कहने, भारत माता को डायन कहने या भारत के टुकड़े टुकड़े करने के नारे को देशद्रोह ना मानने के लिए कानून से देशद्रोह की धारा हटाने की बात करेगा तो उसकी देश भक्ति पर प्रश्न उठेगा ही अतः काँग्रेस ने स्वयं अपने आप को कटघरे में खड़ा कर लिया है इसके लिए कोई ओर जिम्मेदार नहीं है।
श्री दिवाकर ने कहा कि सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 तक लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया लेकिन एक राजनीतिक दल द्वारा उनके बलिदान को भुला दिया गया क्योंकि सत्ता के मार्ग में वह किसी और को श्रेय देना पाप समझती थी। महारानी लक्ष्मी बाई से लेकर सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुखदेव जैसे अनेकों वीर बलिदानियों को गुमनामी की काल कोठरी में धकेलने का पाप काँग्रेस द्वारा किया गया। दुख की बात यह है कि आजादी की लड़ाई का श्रेय पहले काँग्रेस लेती थी लेकिन अब यह पूरा श्रेय मात्र एक परिवार को दिया जा रहा है। जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी उंगली भी नहीं कटाई आज वह शहीद होने का दावा कर रहे हैं और देश की आजादी के स्वंयभू मसीहा बने हुए हैं।
भाजपा मीडिया प्रभारी श्रीकांत अग्रवाल द्वारा जारी विज्ञििप्त में श्री दिवाकर ने कहा कि इतिहास की इबादत करके काँग्रेस अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की नाकाम कोशिश कर रही है। जो राष्ट्रवाद आजादी की लड़ाई का संवाहक था काँग्रेस उसे नष्ट करना चाहती है। काँग्रेस को यह समझ लेना चाहिये कि देश का हर शख्स राष्ट्रवादी है यह राष्ट्रवाद उसके लहू में दौड़ता है। यह राष्ट्रवाद आजादी की लड़ाई के बाद समाप्त नहीं हुआ है बल्कि यह अनंत काल तक चलने वाली विचारधारा है। आज वोट बैंक की राजनीति के लिए काँग्रेस इस विचारधारा को कमजोर करना चाहती है लेकिन उसका यह सपना कभी पूरा नहीं होगा।
श्री दिवाकर ने कहा कि आजादी की लड़ाई के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि अब काँग्रेस का कार्य पूरा हो गया है। अब इस संगठन की आवश्यकता नहीं रह गयी है। किंतु सत्ता को सुख का साधन मानने वाली काँग्रेस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बात को तिलांजलि दे दी।
श्री दिवाकर ने कहा कि भाजपा देश में गरीबी, आभाव अशिक्षा और बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार द्वारा इसके लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। देश का सम्मान, सुरक्षा और स्वाभिमान के लिए अपना सर्वस्व समर्पण कर देना हमारी राष्ट्रवादी विचारधारा में निरंतर प्रवाहित है। जबकि ए.सी. कमरों में बैठकर आधुनिक संसाधनों और सुख सुविधाओं से लैस काँग्रेस सिर्फ गांधी खानदान की गुलामी को ही अपना राष्ट्रधर्म और राष्ट्रवाद मानती है।

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