कोरोना वायरस : सीएमएचओ डॉ.शाक्य हुए निलंबित

 

स्वास्थ्य आयुक्त के द्वारा दिये गये दिशा निर्देश को हल्के में लेने पर नपे डॉ.शाक्य

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। कोरोना को लेकर देश भर में एलर्ट जारी है पर सिवनी जिले का स्वास्थ्य विभाग पुराने ढर्रे पर ही चलता दिख रहा है। कोरोना को लेकर नोडल अफसर बनाये गये डॉ.टी.आर. बांद्रे अचानक अवकाश पर चले गये हैं तो दूसरी ओर स्वास्थ्य आयुक्त के द्वारा सिवनी के प्रभारी सीएमएचओ को निलंबित कर दिया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि स्वास्थ्य आयुक्त प्रतीक हजेला ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये दिये गये दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने तथा लापरवाही बरते जाने के कारण प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.आर. शाक्य को निलंबित कर दिया है।

स्वास्थ्य आयुक्त के द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि देश में कोविट 19 अर्थात कोरोना के संक्रमण के चलते सभी जिलों में क्वारेन्टाईन सेंटर्स खोलने एवं अन्य तैयारियों के निर्देश दिये जाने के बाद भी प्रभारी सीएमएचओ डॉ.के.आर. शाक्य के द्वारा इस संबंध में लापरवाही बरती गयी है।

स्वास्थ्य आयुक्त के द्वारा कोरोना वायरस ने निपटने के लिये की जा रही तैयारियों की समीक्षा में यह बात भी सामने आयी है कि सीएमएचओ सिवनी के द्वारा कोरोना वायरस के लिये भेजी गयी पीपीई किट का वितरण भी पर्याप्त मात्रा में नहीं किया गया, जिसे आयुक्त के द्वारा गंभीर लापरवाही माना है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.आर. शाक्य को पदीय दायित्वों के प्रति गंभीर लापरवाही व उदासीनता बरतने तथा शासन के निर्देशों का पालन न करते हुए मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के उपनियम, एक के खण्ड (1) (2) (3) का उल्लंघन किया गया है।

निर्देशों की अनदेखी व आदेशों की अवहेलना के मामले में सीएमएचओ डॉ.के.आर. शाक्य को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम, 9(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया हैं। निलंबित सीएमएचओ डॉ.के.आर. शाक्य को जबलपुर संभागीय स्वास्थ्य सेवा संचालक कार्यालय अटैच किया गया हैं। उनके स्थान पर जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.प्रभाकर सिरसाम को सीएमएचओ का प्रभार दिया गया है।

कौन है नोडल अफसर : सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों का बस, अपने ही मातहतों पर नहीं रह गया है। कोरोना के शोर के बीच जिला चिकित्सालय में डॉ.टी.आर. बांद्रे को कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजी परिस्थितियों के लिये नोडल अफसर बनाये जाने के आदेश जारी हो चुके हैं।

सूत्रों ने बताया कि आदेश जारी होने के बाद डॉ.टी.आर. बांद्रे के द्वारा इस आदेश को निरस्त करने के लिये अधिकारियों पर दबाव बनाया गया, किन्तु जब वे सफल नहीं हो पाये तो उसके बाद वे चिकित्सा अवकाश पर चले गये। चूँकि कोरोना संवेदनशील मामला है अतः उनके अवकाश पर जाने के बाद किसी अन्य चिकित्सक को नोडल ऑफिसर बनाया जाना चाहिये था।

सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में कोरोना के लिये अस्पताल में नोडल अफसर कौन है इस बात पर से कुहासा नहीं हट सका है। इसके साथ ही साथ यह बात भी उभरकर सामने आ रही है कि डॉ.बांद्रे अगर अस्वस्थ्य हैं तो मेडिकल बोर्ड से उनका परीक्षण कराया जाना चाहिये।