अनगिनत गर्ल्स हॉस्टल संचालित हैं मुख्यालय में!

 

 

पाँच सालों से खाली पड़ा है गर्ल्स हॉस्टल का भवन

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। जिला मुख्यालय सिवनी में अनगिनत गर्ल्स हॉस्टल संचालित हो रहे हैं। इन गर्ल्स हॉस्टल्स में बुनियादी सुविधाओं का अभाव साफ दिखायी दे रहा है। जिला प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इस तरह के अवैध हॉस्टल्स में अनैतिक गतिविधियों की खबरें भी तेजी से फिज़ा में तैर रही हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उच्च शिक्षा के लिये ग्रामीण अंचलों से सिवनी आने वालीं कन्या विद्यार्थियों के लिये सरकारी स्तर पर कोई छात्रावास न होने के कारण विद्यार्थियों की यह मजबूरी है कि वे सिवनी में चल रहे अवैध गर्ल्स हॉस्टल्स अथवा पेईंग गेस्ट (पीजी) में ही रहकर पढ़ायी करें।

बताया जाता है कि जिन स्थानों पर समूह में छात्राएं रह रहीं हैं उन स्थानों पर न तो पानी की मुकम्मल व्यवस्था है और न ही सुरक्षा की। इन कथित गर्ल्स हॉस्टल्स में सुरक्षा गार्ड तक मौजूद नहीं है। मजे़ की बात तो यह है कि इनमें से अधिकांश के बारे में कोतवाली पुलिस को भी जानकारी नहीं है कि कहाँ – कहाँ गर्ल्स हॉस्टल्स का संचालन किया जा रहा है।

शैक्षणिक सत्र के आगाज़ के साथ ही एक बार फिर ग्रामीण परिवेश से कन्या विद्यार्थियों का रूख सिवनी की ओर हो चुका है। सिवनी में जिनके रिश्तेदार हैं वे तो अपने – अपने हिसाब से यहाँ रहकर पढ़ायी कर ले रहीं हैं पर जिनके रिश्ते नातेदार सिवनी में नहीं हैं वे इस तरह के हॉस्टल्स अथवा पीजी में रहने के लिये मजबूर हैं।

बताया जाता है कि यहाँ संचालित गर्ल्स हॉस्टल्स के आसपास दिन रात शोहदों की भीड़ लगी रहती है। इन हॉस्टल्स में अनैतिक गतिविधियों के संचालन की बात भी फिज़ा में तैर रहीं हैं।

यहाँ यह उल्लेखनीय होगा कि पॉलीटेक्निक कॉलेज़ में 2014 में एक गर्ल्स हॉस्टल बनकर तैयार है। पाँच सालों में भी इस गर्ल्स हॉस्टल को आरंभ क्यों नहीं कराया जा सका है इस बारे में पॉलीटेक्निक कॉलेज़ प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है। और तो और एक साल से इस हॉस्टल का उपयोग निर्वाचन के लिये ईवीएम रखने के लिये भी किया गया था।

यक्ष प्रश्न यही खड़ा हुआ है कि अस्सी लाख की लागत से 2013 में आरंभ कराये गये इस गर्ल्स हॉस्टल का उपयोग ही नहीं करना था तो इस गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण में इतनी राशि को व्यर्थ क्यों बहा दिया गया। भाजपा के शासनकाल में बनाये गये इस गर्ल्स हॉस्टल को काँग्रेस की सरकार में भी आरंभ नहीं कराया जाना आश्चर्य जनक ही माना जा रहा है।

हाल ही में सूरत में हुए हादसे के बाद कोचिंग संस्थाओं की जाँच के लिये जिला प्रशासन के द्वारा आदेशित किया गया था। इसके साथ ही साथ शहर में चल रहे गर्ल्स हॉस्टलस की जाँच भी एक बार करवायी जाना चाहिये। इन गर्ल्स हॉस्टल में सुरक्षा के साथ ही साथ अन्य सुविधाओं का कितना ख्याल रखा जा रहा है इस बारे में भी जिला प्रशासन के द्वारा जाँच करवायी जाना चाहिये।