ग्राम पंचायत पीपरवानी में गड़बड़ी आयी प्रकाश में

 

(जावेद शेख)

कुरई (साई)। कुरई विकास खंड के ग्राम पंचायत पीपरवानी में गड़बड़ी के मामले में लगभग तीन साल बाद फिर एक बार प्रशासन हरकत में आया है।

बताया जाता है कि जिला पंचायत सीइओ सुनील दुबे ने शिकायत कर्त्ताओं को कार्यालय में बुलाकर उनका पक्ष जाना है। शिकायत कर्त्ताओं ने लिखित में अपना पक्ष कार्यालय में देकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की बात कही है।

ग्राम पंचायत पीपरवानी में साप्ताहिक बाज़ार, मनरेगा कार्य, मीनाक्षी तालाब, पौधारोपण, नल-जल योजना, कांजी हाउस, स्टेशनरी खरीदी, तालाब नीलामी आदि में गड़बड़ी की शिकायत ग्रामीण सुरेश मिश्रा, मुरारी मदनकर, सुनील बिठले, अनिल बिठले, श्रीचंद देशमुख, विजय मिश्रा ने की है। उनका आरोप है कि उक्त कार्य में बड़े पैमाने पर शासकीय राशि का गबन किया गया है।

इसकी शिकायत 13 मार्च 2018, 27 फरवरी 2019, 20 मार्च 2019, 12 जून 2019, 13 अगस्त 2019 एवं 10 दिसंबर 2019 को की गयी है। 13 मार्च 2018 को की गयी शिकायत की जाँच कुरई सीइओ ने की है। जाँच में आरोप सही पाये गये हैं। सीइओ की जाँच रिपोर्ट में इसका उल्लेख है। उन्होंने जाँच के बाद लगभग 4.97 लाख रूपये वसूली की अनुशंसा की थी लेकिन अभी तक इस दिशा में आगे कुछ नहीं हो पाया है।

शिकायत कर्त्ताओं का आरोप है कि सरपंच व सचिव की मिली भगत से कुरई जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत कार्यालय तक के लोग उनको बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका आरोप है कि जिस तरह की शिकायत है और जाँच में मामला सही पाया गया है, उस आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कार्यवाही होनी चाहिये। आरोप लगाया गया है कि ग्राम पंचायत के सचिव ने पत्नि के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर उसका भुगतान कराया है। रोजगार सहायक माँ और पत्नि के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर भुगतान कराया है।

संबंधित के खिलाफ मय कागजात के साथ शिकायत की गयी है। इसके बाद भी जाँच कर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने में क्यों विलंब हो रहा है, यह समझ के परे है। बताया गया है कि कलेक्टर प्रवीण सिंह को इस पूरे मामले से अवगत कराया गया है। जिला पंचायत सीइओ कार्यालय में सोमवार को उपस्थित होकर समस्त कागजात के साथ पुनः अवगत कराया है। बताया गया है कि शिकायत करने के बाद से अब तक पाँच बार जिला पंचायत कार्यालय आ चुके हैं। पूर्व में जिला पंचायत कार्यालय में पेश होने के दिन जनपद पंचायत कुरई से जानकारी दी गयी थी। इस पर समय से उपस्थित नहीं होने पर स्पीड पोस्ट के माध्यम से पक्ष रखा गया था।

वर्ष 2018 की जाँच रिपोर्ट व आरटीआई से मिली जानकारी में अंतर : सीइओ कुरई हरिराम कुशराम की वर्ष 2018 में की गयी जाँच में साप्ताहिक बाज़ार वर्ष 2014 – 2015 नीलामी राशि दो लाख 27 सौ रूपये। जमा राशि एक लाख और शेष राशि एक लाख 27 सौ रूपये। वर्ष 2015 – 2016 में नीलामी राशि दो लाख 38 हजार, जमा राशि 01.52 लाख, शेष राशि 86 हजार रूपये। वर्ष 2016 – 2017 में नीलामी राशि 2.56 लाख, जमा राशि 01.85 लाख, शेष राशि 71 हजार रूपये का उल्लेख रिपोर्ट में है।

शिकायतकर्त्ताओं का दावा है कि अक्टूबर 2019 में आरटीआई की जानकारी में उपलब्ध करायी गयी ग्राम पंचायत की सत्यापित कॉपी में वर्ष 2015 – 2016 में नीलामी राशि 2.38 लाख रूपये, जमा राशि निरंक। वर्ष 2016 – 2017 में नीलामी राशि 2.58 लाख, जमा राशि 1.24 लाख रूपये। वर्ष 2017 – 2018 में नीलामी राशि दो लाख 56 हजार दो सौ रूपये, जमा राशि निरंक दर्शाया गया है।

ये दोनों आंकड़े ग्राम पंचायत में गड़बड़ी को दर्शा रहे हैं। सीइओ कुशराम ने जाँच के दौरान दस्तावेजों का अवलोकन किया या नहीं। इस पर भी सवाल खड़े हो गये हैं। शिकायत कर्त्ता की मानंे तो सीइओ श्री कुशराम जाँच के लिये ग्राम पंचायत में गये थे।

 

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