ग्रामीणों ने की कलेक्टर से शिकायत, लगाये आरोप
(ब्यूरो कार्यालय)
धनौरा (साई)। जिले में किस गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य करवाये जा रहे हैं इसकी एक बानगी धनौरा क्षेत्र में बन रहीं हालौन जलाशय की नहरों को देखकर लगाया जा सकता है। पहली ही बारिश में नहरें बुरी तरह जर्जर हो गयी हैं। ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत जिला कलेक्टर से की है।
ग्रामीणों ने कलेक्टर को शिकायत की है कि ठेकेदार को कई बार कहा गया कि नहर का काम अच्छे से करें लेकिन ठेकेदार ने अपनी मनमर्जी से निर्माण कार्य करवाया। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि नहर निर्माण के समय विभाग का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं रहता था और सिर्फ लेबर के भरोसे ही पूरा काम करवाया गया है।
ग्रामीणों का कहना था कि इसकी शिकायत पूर्व में वरिष्ठ अधिकारियों को भी की गयी लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ और ठेकेदार ने मनमर्जी से काम किया जिसका खामयाजा क्षेत्र के लोगों को भोगना पड़ रहा है।
दो किलोमीटर तक नहीं नहर पार करने का रास्ता : मोहगाँव से लेकर कुरनभटा की दूरी दो किलोमीटर से ज्यादा है। ठेकेदार ने गुणवत्ता विहीन नहर तो बनायी ही साथ मंे नहर को पार करने के लिये कोई व्यवस्था नहीं की गयी जिसके कारण दर्जनों किसानों को नहर पार करने के लिये दो किलो मीटर का लंबा चक्कर लगाने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है।
कुछ माह पूर्व सालीवाड़ा के लोगों ने कलेक्टर को शिकायत की थी कि ठेकेदार के लोग नहर में घटिया निर्माण कर रहे हैं। मौके पर जिला पंचायत सदस्य दयावती सल्लाम, जनपद सदस्य प्रदीप जैन, सरपंच प्रेम सिंह सल्लाम सहित कई लोग उपस्थित थे जिन्होंने पंचनामा बनाया था। उस समय भी विभाग के कोई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद नहीं था, मात्र लेबर ही नहर बना रहे थे।
अनशन पर बैठेंगे ग्रामीण : जनपद पंचायत धनौरा के उपाध्यक्ष जहान सिंह मर्सकोले को भी मोहगाँव के लोगों ने शिकायती पत्र दिया था जिसके बाद उपाध्यक्ष ने मौके पर जाकर देखा तो नहर में कई जगह टूट फूट है तथा मोहगाँव के पास बने नहर के पुल में सीपेज है और जगह – जगह से पानी भी टपक रहा है।
नहर की दुर्दशा को देखते हुए जहान सिंह मर्सकोले ने कहा है कि यदि सात दिन के अंदर ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हुआ और नहर के सुधार के साथ ही साथ लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं ठेकेदार पर कार्यवाही नहीं हुई तो वे अपनी पार्टी के साथ अनशन पर बैठेंगे।
इस गंभीर लापरवाही और किसानों की परेशानी सामने आने के बाद अब अधिकारी मामले में सफाई देते नज़र आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि नहर के टूटे फूटे हिस्से की मरम्मत ठेकेदार से ही करवायी जायेगी। इसके साथ ही आगे के भुगतान को भी रोक दिया जायेगा।
मेरे द्वार नहर का निरीक्षण किया गया जिसमें नहर कई जगह से टूटी पायी गयी. गाँव के लोगों ने बताया कि ठेकेदार के लोगांे के द्वारा मनमर्जी से कार्य किया गया, गुणवत्ता विहीन नहर बनायी गयी. यदि सात दिन के अंदर कोई कार्यवाही नहीं होगी तो मैं अनशन करूंगा.
जहान सिंह मर्सकोले,
जनपद उपाध्यक्ष धनौरा.
यदि नहर कहीं से टूटी है तो रिपेयर करवायी जायेगी. ठेकेदार को आगे का भुगतान नहीं किया जायेगा, मैं दिखवाता हूं.
विनोद उईके, एसडीओ,
जल संसाधन विभाग.

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