बण्डोल थाना प्रभारी ने डीज़ल चोरी के संबंध में जानकारी चाहने पर दिया वक्तव्य!
(अपराध ब्यूरो)
सिवनी (ंसाई)। बण्डोल थाना क्षेत्र में भारी वाहनों से डीज़ल चोरी की घटनाओं में जमकर इजाफा हुआ है। इस बारे में बण्डोल पुलिस शिकायत दर्ज करने में आनाकानी करती ही नज़र आती है। बण्डोल थाना प्रभारी रमेश गायधने का कहना है कि चालक खुद ही डीज़ल चुराते हैं और वाहन मालिक को मिथ्या जानकारी देकर अपनी खाल बचाते हैं!
बण्डोल थाना क्षेत्र में बीती रात दो वाहनों से भारी मात्रा में डीज़ल निकाल लिया गया और आश्चर्य जनक रूप से इसकी कोई जानकारी बण्डोल थाना में नहीं थी। दो वाहनों में से एक वाहन के चालक ने बताया कि वह चोरी की रिपोर्ट लिखवाने के लिये थाना गया था लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी।
बताया जाता है कि दो दिन पहले कंटेनर क्रमाँक एनएल 01 एडी 4900 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और वह राहीवाड़ा चौक के समीप खड़ा हुआ था। इस वाहन से बीती रात 400 लिटर डीज़ल चुरा लिया गया। इस वाहन के चालक मथुरा निवासी रामदीन ने बताया कि वह डीज़ल चोरी की रिपोर्ट लिखवाने के लिये बण्डोल थाना गया था लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी।
इसी तरह मुरैना निवासी दिलीप पिता सियाराम का वाहन क्रमाँक एमपी 06 एचसी 9217 बीती रात राहीवाड़ा क्षेत्र मेें खराब हो गया और वह भी राहीवाड़ा चौक पर ही खड़ा हुआ था। दिलीप ने बताया कि वह जब अपने वाहन का सुधरने का इंतजार कर रहा था तभी एक एसयूवी गाड़ी में सवार होकर पाँच लोग आये और उसे जान से मारने की धमकी देकर लगभग 450 लिटर डीज़ल, उसके वाहन से निकालकर ले गये।
दिलीप ने बताया कि उसने इस बात की जानकारी डायल 100 को दी लेकिन जब तक डायल 100 मौके पर पहुँची तब तक शातिर तत्व अपने कृत्य को अंजाम देकर, वहाँ से चंपत हो चुके थे। चोरी की इन घटनाओं के संबंध में जब बण्डोल थाना से जानकारी चाही गयी तब थाना प्रभारी राजेश गायधने ने बताया कि इस तरह की किसी घटना की जानकारी थाने में नहीं है।
श्री गायधने ने बताया कि दरअसल वाहन के चालक ही अपने वाहन से डीज़ल चुरा लेते हैं और फिर अपने मालिक को डीज़ल चोरी होने की झूठी जानकारी दे देते हैं। वहीं क्षेत्रीय वाशिंदों के साथ ही साथ अन्य वाहन चालकों का कहना है कि बण्डोल थाना क्षेत्र में रात के समय, पुलिस के द्वारा गश्ती की ही नहीं जाती है जिसके कारण जरायमपेशा लोगों के हौसले बुलंदी पर हैं।
स्थानीय वाशिंदों का कहना है कि पुलिस अक्सर ही रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करती है। लोगों का कहना है कि वाहनों से यदि डीज़ल चोरी हुआ है तो इसकी रिपोर्ट दर्ज की जाना चाहिये थी जिसके बाद जाँच होने पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता कि चोरी की घटना को किस के द्वारा अंजाम दिया गया।
ग्रामीणों ने यहाँ तक कहा कि वर्तमान में पुलिस एक निश्चित धारणा बनाकर काम कर रही है जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि यदि चोरी की रिपोर्ट ही थाने में नहीं लिखी जायेगी तो ऐसी घटनाओं पर किस तरह से विराम लग सकेगा, यह बण्डोल पुलिस ही बेहतर बता सकती है। बहरहाल, इस क्षेत्र से गुजरने वाले फोरलेन के हिस्से में रात्रिकालीन गश्ती बढ़ाये जाने की आवश्यकता जतायी जा रही है।

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