कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे . . .

 

 

सामाजिक कार्यकर्त्ता अकील ने लगाये सिवनी के प्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। विकास की दौड़ में लगातार ही पिछड़ने वाले सिवनी जिले के वर्तमान हालातों पर सामाजिक कार्यकर्त्ता अकील अहमद ने चिंता जतायी है।

अकील अहमद द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सिवनी की लोकसभा सीट बिना किसी प्रस्ताव के विलोपित हो गयी और सिवनी के नेता बाद में लकीर पीटने का स्वांग रचते रहे। इसके साथ ही सिवनी की घंसौर विधान सभा को विलोपित कर दिया गया। सिवनी की फोरलेन एक दशक तक अटकी पड़ी रही।

उन्होंने कहा कि 2018 में बड़ी रेल लाईन को चालू हो जाना चाहिये था, किन्तु आज भी काम इतनी मंथर गति से चल रहा है कि आने वाले दो तीन सालों में यह पूरा होता नहीं दिखता। सिवनी के जन प्रतिनिधियों के नाकारापन के चलते न जाने कितने शासकीय कार्यालय सिवनी से उठकर अन्यत्र चले गये।

अकील अहमद ने कहा कि विधान सभा चुनावों के पहले सिवनी में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिये भूमि पूजन किया गया। वर्तमान में इस मेडिकल कॉलेज को लेकर भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं किन्तु सांसद, विधायक इस मामले में यह बताने की जहमत नहीं उठा रहे हैं कि वास्तविक स्थिति क्या है!

सिवनी में एफएम रिले सेंटर, पासपोर्ट कार्यालय की सौगात की बात कही गयी थी किन्तु आज वह किस स्थिति में है यह बात शायद ही कोई जानता हो। इस तरह के सारे वायदे जनता को छलने के लिये किये गये ही प्रतीत हो रहे हैं। इन मामलों में उन्होंने सांसद और विधायकों से स्पष्टीकरण देने की अपील की है।

अकील अहमद का कहना है कि सिवनी को संभाग बनाये जाने की बात भी उठी थी, सालों बीत गये अब तो लोग संभाग को भी मजाक में ही लेने लगे हैं। कृषि प्रधान सिवनी जिले में कृषि महाविद्यालय खोला जाना चाहिये पर जिले के हाकिमों को इसकी किंचित मात्र भी परवाह प्रतीत नहीं हो रही है।

उन्होंने कहा कि सिवनी के हालातों पर उन्हें मशहूर कवि नीरज की एक कविता की पंक्तियां याद आती हैं :

कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे . . .