फग्गन सिंह की टिकिट पर संशय बरकरार!

 

 

कौन होगा मण्डला से भाजपा का नया दावेदार!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को इस बार पार्टी मण्डला संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारती है अथवा नहीं, इस पर कुहासा हट नहीं सका है। पूअर परफॉर्मेंस के चलते मोदी मंत्री मण्डल से फग्गन सिंह की बिदाई के बाद अब उनकी टिकिट पर भी संकट के बादल छाये हुए दिख रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 2019 को लेकर भाजपा अब फूंक – फूंक कर कदम रख रही है। भाजपा के लिये एक – एक सीट अब महत्वपूर्ण हो गयी है। वैसे भी विधान सभा चुनावों के परिणामों ने पार्टी के आला नेताओं को हिलाकर रख दिया है।

सूत्रों की मानें तो पार्टी के द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में यह बात उभरकर सामने आयी है कि मण्डला के संसद सदस्य फग्गन सिंह कुलस्ते की कार्यप्रणाली से क्षेत्र में उनके प्रति नाराजगी है। फग्गन सिंह को नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाया गया था, पर उनके खराब प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया था।

सूत्रों ने यह भी बताया कि भाजपा के आला नेता इस बात से भी खासे खफा हैं कि फग्गन सिंह कुलस्ते के संसदीय क्षेत्र में काँग्रेस के आधा दर्जन विधायकों ने परचम लहराया है। आला नेता इसके पीछे प्रदेश सरकार के साथ ही साथ स्थानीय संसद सदस्य की निष्क्रियता को भी जवाबदेह मान रहे हैं। यहाँ भाजपा के पक्ष में दो ही सीटें आयी हैं।

सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिये हैं कि मण्डला संसदीय क्षेत्र से फग्गन सिंह कुलस्ते के स्थान पर राज्य सभा सदस्य संपतिया उईके को मैदान में उतारा जाये। संपतिया उईके कुछ माह पूर्व ही राज्य सभा सांसद बनीं हैं, वे क्षेत्र में सक्रिय भी बतायी जा रहीं हैं। इसके अलावा जबलपुर संभाग से एक महिला उम्मीदवार को टिकिट देने की आंतरिक बाध्यता भी इससे पूरी हो सकती है।

भाजपा के एक आला नेता ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि फग्गन सिंह कुलस्ते की टिकिट काटना भाजपा के लिये बहुत आसान नहीं होगा। उनको नाराज करने से प्रदेश में इसका संदेश खराब जायेगा और आदिवासी वोटर्स की नाराजगी से भी पार्टी को दो-चार होना पड़ सकता है।

उक्त नेता की मानें तो फग्गन सिंह को पार्टी के द्वारा शहडोल संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतारने की संभावनाएं भी टटोली जा रही हैं। इसका कारण यह है कि शहडोल संसदीय क्षेत्र उनके वर्तमान मण्डला संसदीय क्षेत्र से लगी लोक सभा सीट है। शहडोल संसदीय क्षेत्र से काँग्रेस और भाजपा को चार – चार सीटें इस विधान सभा चुनाव में मिली हैं।