किसान रखें इन बातों का ध्यान!

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। आने वाले दिनो में कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा ओलावृष्टि की संभावना को देखते हुए किसानांे को सुझाव दिया गया है कि खड़ी फसलों व नर्सरी में लगे पौधो को क्षति से बचाने के लिये तुरंत उपाय किये जायें। जिन खेतों में वर्षा हो जाने पर पानी के जमने की संभावना हो वहाँ नालियां आदि बनायें ताकि अधिक से अधिक पानी का निकास हो सके।

खेती किसानी के जानकारों के अनुसार किसानो को चाहिये की फसलों में सिंचाई व छिड़काव के कार्यों को अभी स्थगित करें। वर्षा व बादल छाये रहने के कारण फसलों में कीटांे व रोगों का प्रकोप हो सकता है, इसलिये मौसम साफ होते ही फसलों की पूर्णतः जाँच करें व उत्तपत्ति पाये जाने पर उचित उपचार करें।

जानकारों का कहना है कि आलू व टमाटर में यदि ब्लाइट के लक्षण दिखें तो कार्बेनड़ाजिम को 01 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। चने में कट-वर्म की रोकथाम के लिये मेलाथियान डस्ट को 20 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कें। सरसों में यदि चूसक कीट का प्रकोप पाया जाये तो थायोमेथोक्साम को 0.45 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।