पंचदिवसीय गीता जयंति महोत्सव आज से

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। गौ, गीता, गंगा महामंच के द्वारा पंच दिवसीय गीता महोत्सव का आयोजन गीता जयंति 08 दिसंबर मोक्षदा एकादशी से 12 दिसंबर पूर्णिमा तक किया जायेगा।

प्रथम दिवस श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर मंे भगवान श्री लक्ष्मी नारायण का पूजन अर्चन कर गीता पाठ किया जायेगा। उत्कृष्ट गीतापाठी बच्चों को पुरूस्कृत किया जायेगा। भगवत गीता की पुस्तक व गीता संबंधित साहित्य का वितरण कर गीता के पावन संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य गीता महोत्सव के अंतर्गत किया जायेगा।

गौ, गीता, गंगा महामंच के पं.सुमित चौबे ने बताया कि मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंति मनायी जाती है। इस तिथि को मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता के उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। इनको आत्मसात करने से जीवन में सफलता के द्वार खुल जाते हैं। गीता में सभी परेशानियों का हल छुपा हुआ है। गीता का ज्ञान हमें दुःख, लोभ और अज्ञानता से बाहर निकलने की प्रेरणा देता है।

लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी हेमंत त्रिवेदी ने बताया कि इस ग्रंथ में अठ्ठारह अध्यायों में संचित ज्ञान बहुमूल्य है। सिर्फ अर्जुन ने ही नहीं, बरबरीक, हनुमान और संजय ने भी भगवान श्रीकृष्ण से गीता का उपदेश सुना था। श्रीमद भागवत गीता में ज्ञान, भक्ति, कर्म योग की विस्तृत व्याख्या की गयी है। गीता का दूसरा नाम गीतोपनिषद है।

पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पं.विजय मिश्र ने बताया कि गीता जयंति के दिन शंख का पूजन करना चाहिये। शंख बजाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। गीता जयंति के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।

राम मंदिर के पुजारी पं.प्रदीप तिवारी ने बतया कि इस दिन श्रीमद भगवत गीता के दर्शन करने मात्र से परिवार में कलह और समस्याएं दूर हो जाती हैं। गीता जयंति के दिन श्रीमद भगवत गीता घर लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। माना जाता है इससे माता लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में निवास करतीं हैं। पं.शरद शर्मा ने बताया कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप का पूजन किया जाता है। श्रीमद भागवत गीता का पाठ करने से जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।