गुणवत्ता का निरीक्षण करने वाले अफसरों की नहीं पड़ पा रही नजर!
(सादिक खान)
सिवनी (साई)। राज्य शासन के निर्देश पर खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर प्रशासन के द्वारा लगातार ही कार्यवाहियों को अंजाम दिया जा रहा है पर बस स्टैण्ड सहित जिला मुख्यालय में खुले में बिक रही खाद्य सामग्रियों पर कार्यवाही करने की फुर्सत जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं मिल पा रही है।
ज्ञातव्य है कि राज्य शासन के निर्देश पर खाद्य विभाग के द्वारा जिले भर में खाद्य सामग्रियों का निरीक्षण किया जाकर नमूने संग्रहित कर उन्हें प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है। अब तक अनेक सेंपल मानक आधार पर सही नहीं पाए गए हैं।
जिला मुख्यालय में ही सड़क किनारे ठेले लगाकर समोसे, मंगोड़े, आलूबड़े आदि बेचने वालों पर अगर नजरें डाली जाएं तो बरसात के दिनों में इन पर मख्खियां भिनभिनाती साफ दिख जाती हैं। इसके अलावा इनके द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले तेल की गुणवत्ता क्या है! इस बात को भी शायद ही कोई जानता हो।
नगर पालिका के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि शहर के अंदर इस तरह से बिक रही प्रदूषित खाद्य सामग्री को रोकने के लिए नगर पालिका की स्वास्थ्य शाखा है। साल में एकाध बार स्वास्थ्य शाखा के द्वारा मजह रस्म अदायगी के लिए शहर में कार्यवाही को अंजाम दिया जाता है।
शहर के बैनगंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, बस स्टैण्ड, बुधवारी बाजार, भैरोगंज, डूंडा सिवनी क्षेत्र, छिंदवाड़ा चौक, जिला अस्पताल सहित अनेक क्षेत्रों में सड़क किनारे हाथ ठेलों में धड़ल्ले से खाद्य सामग्रियों में समोसा, कचोरी, पोहा, भजिया, मंगोड़े इत्यादि बेचा जा रहा हैं।
इनमें प्रयुक्त दाल, बेसन, मसाला व खाद्य तेल कई जगहों पर मिलावटी, दूषित होना पाया जा रहा है। खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों पर किसी भी प्रकार की न तो रोक लग रही हैं और न ही नगर पालिका प्रशासन के द्वारा सड़क किनारे अस्थायी रूप से अतिक्रमणकारियों पर नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। इनके सेवन से लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर हो रहा है।
घरेलू गैस सिलेण्डर का हो रहा उपयोग : नगर सहित जिले भर में चाय नाश्ते के ठेलों, होटलों व बड़े रेस्टारेंट्स में दिखावे के लिए एक व्यवसायिक सिलेण्डर रखा जाकर बाकी समय घरेलू गैस का उपयोग किया जा रहा है। इन प्रतिष्ठान संचालकों को घरेलू गैस आसानी से उपलब्ध कैसे हो जा रही है यह बात भी शोध का ही विषय मानी जा सकती है।

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