जर्जर हालत में पहुँची पानी की चार दशक पुरानी टंकी

 

नयी टंकी बनवाने की माँग, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

(फैयाज खान)

छपारा (साई)। शहर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के फिल्टर प्लांट के प्रांगण में पानी की लगभग चार दशक पुरानी टंकी जर्जर अवस्था को प्राप्त हो चुकी है। लोगों का कहना है कि इसके चलते कभी भी गंभीर दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

ज्ञातव्य है कि लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग द्वारा लगभग चालीस वर्ष पहले नगर में पानी को पीने योग्य बनाने के लिये फिल्टर प्लांट और पानी को स्टोर और सप्लाई करने के लिये पानी टंकी बनायी गयी थी। पानी की इस टंकी की मियाद अब शायद पूरी हो गयी है। टंकी की स्थिति अत्यंत जर्जर दिखायी दे रही है। हालात ये हैं कि जब इस टंकी को इसके पूरे जल स्तर तक भर जाता हैं तब उसमें से पानी का बहना जगह – जगह से आरंभ हो जाता है।

जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा इस ओर ध्यान न देते हुए विभाग की ओर से कार्यालय के रख रखाव में लगभग सात लाख रूपये खर्च किये जा रहे है। इस विषय में जब पीएचई के प्रभारी उपयंत्री आलोक जैन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह जवाबदारी ग्राम पंचायत की है। उन्होंने कहा कि पीएचई विभाग की ओर से पहले ही पानी की टंकी को हैंड ओवर कर दिया गया है और इसके मरम्मत की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है।

बताया जाता है कि टंकी में दरार आ गयी है, नीचे के हिस्से का प्लास्टर भी अपनी पकड़ छोड़ रहा है और लगातार गिरने की स्थिति में है। वहीं, टंकी का ऊपरी हिस्सा इतना जर्जर हो गया है कि बीते पाँच वर्षों से इसके ऊपर चढ़ने की, विभाग की ओर से कोई कर्मचारी हिम्मत नहीं कर रहा है।

पीएचई के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि टंकी का ऊपरी हिस्सा झूले की तरह हिलता सा महसूस होता है। इसके साथ ही टंकी की ऊपरी छत के छज्जे का अधिकांश हिस्सा टूटकर टंकी के अंदर ही गिर जाने के कारण टंकी का ऊपरी हिस्सा खुला हुआ है। इसके चलते टंकी के अंदर धूल, मिट्टी, पक्षियों एवं बंदर के द्वारा गंदगी एकत्रित हो गयी है।

सूत्रों ने बताया कि इसकी साफ सफाई के लिये पदस्थ कर्मचारी, इस पर चढ़ना उचित नहीं समझ रहे हैं, इसके चलते पानी की इस टंकी की स्थिति का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है।